सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गुड बुक में
पंडित प्रदीप मोदी
साहित्यकार/स्वतंत्र पत्रकार
लो स्पष्ट हो गया, सिद्ध हो गया कि देवास शाजापुर सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गुड बुक में हैं। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से हुई उम्मीदवारों की पहली सूची में दिग्गज नामों के साथ महेंद्र सिंह सोलंकी का नाम दर्ज है। इससे स्पष्ट हो जाता हैं कि देवास शाजापुर सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को लेकर भाजपा के शिखर पुरुषों में कोई असमंजस नहीं है, इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि मोदी, महेंद्र सिंह सोलंकी जैसे शिक्षित युवाओं को साथ लेकर भारत का भविष्य संवारना चाहते हैं। महेंद्र सिंह सोलंकी जज की नौकरी से त्यागपत्र देकर राजनीति में आए और पिछले लोकसभा चुनाव में देवास शाजापुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े। नौकरी में रहते हुए उनकी राजनीतिक विचारधारा रही हो, लेकिन महेंद्र सिंह सोलंकी का राजनीतिक जीवन, मात्र पांच वर्ष का ही हुआ है और इन पांच वर्ष में उन्होंने राजनीति का क ख ग अच्छी तरह से सीख लिया है। सम्मानित नौकरी से एक झटके में त्यागपत्र देकर राजनीति में कूद पड़ना, सोलंकी के उच्चस्तरीय आत्मविश्वास को परिभाषित करता है और अपने छोटे से राजनीतिक जीवन में इस नेता ने कदम-कदम पर अपने आत्मविश्वास का मजबूत परिचय दिया है। अपने छोटे से राजनीतिक जीवन में महेंद्र सिंह सोलंकी ने राजनीति के भिन्न-भिन्न रंग देख लिए, मुंह पर मिठा बोलकर पीठ पीछे जहर उगलने वाले शुभचिंतक देख लिए। साथ बैठकर जड़ खोदने वाले तथाकथित शुभचिंतकों ने महेंद्र सिंह सोलंकी को बहुत कुछ सिखाया है,कह सकते हैं अब यह नेता हर दृष्टिकोण से एक परिपक्व युवा राजनेता बन चुका है और दूसरी बार भाजपा का उन पर प्राथमिकता से विश्वास जताना इसी बात की ओर इंगित करता है। वैसे तो सोलंकी समूचे संसदीय क्षेत्र में पूरे पांच वर्ष सक्रिय रहे हैं, भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया है, लेकिन गृहनगर होने की वजह से देवास में उनकी सक्रियता विशेष रही है, वे चर्चा में रहे हैं और असुरक्षा के भाव से ग्रस्त भाजपा नेताओं ने उनकी सक्रियता को विवादास्पद करने की भी कोशिश की है। महेंद्र सिंह सोलंकी की राजनीति की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि उन्होंने पार्टी विचारधारा को सर्वोपरि माना है और शायद उनकी यही बात भाजपा के शिखर पुरुषों के मन को भा गई। कमलनाथ के तेरह महीने के शासन काल में देवास की जनता ने देखा है कि इस युवा सांसद ने कैसे भाजपा कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के लिए सड़कों पर संघर्ष किया, कैसे भाजपा कार्यकर्ताओं के दमन पर उतारू अधिकारियों से भिड़े? वह तेरह महीने का दौर ऐसा था,जब स्थानीय कांग्रेस नेताओं की स्थिति ऐसी हो गई थी, जैसे चूहे को चिंदी मिल जाती है और वह बजाजखाना खोलकर बैठ जाता हैं। मनपसंद अधिकारियों की तैनाती हो गई थी, जो सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष की सुन रहे थे और छोटी बुद्धि के कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकारियों के माध्यम से स्थानीय भाजपा नेताओं को अपमानित एवं उपेक्षित कराने में आनंद आ रहा था। आयुक्त टीआई जैसे अधिकारी भाजपा विधायक तक को मिलने का समय नहीं दे रहे थे,तब इस युवा सांसद ने अधिकारियों को संवैधानिक कर्तव्यों का पाठ पढ़ाते हुए असहाय महसूस कर रहे भाजपा नेता कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया था, उनके आत्मविश्वास को संबल प्रदान किया था। उन लोगों के मुंह छाछ हुए हैं, जो यह आस लगाकर बैठे थे कि पार्टी महेंद्र सिंह सोलंकी का टिकट बदल देगी। सोलंकी को पुनः टिकट मिलने से कार्यकर्ताओं के बीच संदेश गया है भाजपा के शिखर पुरुषों को वे ही नेता पसंद है, जो निष्ठा पूर्वक एकनिष्ठ तटस्थ होकर पार्टी विचारधारा के साथ जनता के बीच खड़े रहे। पार्टी विचारधारा के साथ खड़े सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को पुनः उम्मीदवार बनाए जाने पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
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