अरावली पर्वतमाला एवं गांधीसागर क्षेत्र में 10 वीं शताब्दी में बना अद्भुत व ऐतिहासिक चतुर्भुजनाथ मंदिर

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भानपुरा से करीब 30 किलोमीटर दूर गांधी सागर मार्ग अरावली पर्वतमाला तथा गांधीसागर वन्यजीव अभ्यारण क्षेत्र में स्थित करीब 10 वीं शताब्दी में बना चतुर्भुजनाथ मंदिर अद्भुत व ऐतिहासिक है
पास ही एक बारहमासी नाला बहता है जिसे चतुर्भुज नाला कहा जाता है! इस नाले के रॉक शेल्टर्स में दुनिया की सबसे लंबी (लगभग पाँच किलोमीटर लंबी ) प्रागैतिहासिक कालीन शैलचित्र श्रंखला मौजूद है! जिसमें ढाई हजार से ज्यादा शैलचित्र मौजूद है,जो प्रागैतिहासिक कालीन मानवों की दैनिक जीवन क्रीड़ा प्रस्तुत करती है
भानपुरा से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी है जिसे “दर की चट्टान” के नाम से जाना जाता है। साइट की दीवारों पर लगभग 560 मानव निर्मित कप्यूल अंकित हैं। यह मानव द्वारा कलात्मक अभिव्यक्ति का सबसे प्रारंभिक प्रयास माना जाता है। कई पुरातत्वविदों और विद्वानों के अनुसार, कप के ये निशान 1,00,000 से 2,00,000 साल पुराने हैं। इस क्षेत्र में अन्य रॉक-कला स्थल जो प्राचीन काल में मौजूद थे और प्राचीन मनुष्यों द्वारा उपयोग किए जाते थे, वे हैं चिबर नाला, सीता खरदी और मोदी। लेकिन, आज तक का सबसे प्रमुख और अच्छी तरह से संरक्षित स्थल चतुर्भुज नाला का स्थल है।