न्यायमंदसौरमध्यप्रदेश

चेक के अनादरण मामले में तीन माह का सश्रम कारावास व 84 हजार रू. जुर्माने का आदेश

////////////////////////////

न्यायिक मजिस्ट्रेट महो. प्रथम श्रेणी का महत्वपूर्ण फैसला-
बैंक को ऋणी द्वारा दिये चेक 

मंदसौर। न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मंदसौर न्यायाधीश श्री विनोद अहिरवार ने एक चैक अनादरण के मामले में आपराधिक प्रकरण क्रमांक 13/2018 (स्मृति नागरिक सह. बैंक मर्या. बनाम प्रवीण व्यास) में महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए आरोपी प्रवीण पिता कैलाशचन्द्र व्यास (प्रो. विनायक सेल्स कॉर्पोरेशन) निवासी रामटेकरी मंदसौर को दोषी मानते हुए उसे एनआई एक्ट की धारा 138 के आरोप में तीन माह का सश्रम कारावास एवं अभियुक्त को 84 हजार रुपये प्रतिकर फरियादी स्मृति नागरिक सह. बैंक मर्या. मंदसौर को देने का भी आदेश दिया गया। प्रतिकर की राशि की अदायगी में व्यतिक्रम किये जाने की दशा में आरोपी को 2 माह का पृथक कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।
प्रकरण की संक्षिप्त जानकारी देते हुए फरियादी अभिभाषक नवीन कुमार जैन (कोठारी) ने बताया कि आरोपी प्रवीण व्यास द्वारा फरियादी स्मृति नागरिक सह. बैंक मर्या. मंदसौर से व्यक्तिगत ऋण प्राप्त किया था। ऋण की बकाया किश्तों की अदायगी पेटे दिनांक 24.10.2017 को 51307/- रू. का चेक बैंक को दिया था।  उक्त चेक बैंक से डिसऑनर होने पर आरोपी द्वारा रुपया वापस नहीं दिये जाने पर फरियादी ने आदरणीय न्यायालय में अपना परिवाद प्रस्तुत किया था। जिसमें फरियादी व आरोपी द्वारा अपनी साक्ष्य प्रस्तुत की गई थी। जिसके पश्चात् आदरणीय न्यायालय द्वारा उपरोक्त प्रकरण में विधिवत सुनवाई कर फरियादी अभिभाषक के तर्कों व प्रस्तुत साक्ष्यों से सहमत होते हुए व प्रकरण की समस्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी प्रवीण व्यास को धारा 138 निगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट का दोषी मानते हुए अभिनिर्णीत किया कि क्षतिपूर्ति स्वरूप चेक राशि रू. 51307 रू. एवं प्रतिकर स्वरूप 9 प्रतिशत की दर से ब्याज सहित कुल 84000 रुपये. की राशि अदायगी हेतु आरोपी को आदेशित किया गया व तीन माह के सश्रम कारावास से भी दंडित किया गया।
साथ ही न्यायालय ने प्रतिपादित किया कि अभियुक्त द्वारा अपना वैधानिक दायित्व पुरा नहीं करने से परिवादी बैंक को आर्थिक क्षति उठाना पड़ी इस कारण अपराध की प्रवृत्ति एवं गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त को उक्त दण्ड व जुर्माने से दण्डित किया जाना उचित माना गया।
इस प्रकरण में फरियादी की ओर से सफल पैरवी नवीन कुमार जैन (कोठारी) एडवोकेट, ऋषभ कुमार कोठारी एडवोकेट व अमृत कुमार पोरवाल एडवोकेट मंदसौर द्वारा की गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}