
सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति के साथ इलेक्टोरल बॉन्ड पर बड़ा फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम जनता के पास सरकार से जवाब मांगने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि आम जनता का कर्तव्य है कि वो सरकार से सवाल पूछे. अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड नागरिकों के अधिकार का उल्लंघन हैSBI को राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टॉरल बॉन्ड के ज़रिये मिले चंदे की जानकारी
ECI को देने के लिये कहा।
ECI को 31 मार्च तक इसकी जानकारी अपनी वेबसाइट पर डाल सार्वजनिक करने के लिये कहा। “राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले फंड के बारे में वोटरों को जानने का अधिकार है” “यह सूचना के अधिकार आर्टिकल 19(1)(a) का उल्लंघन करता है” पार्टियों के पास चंदा कहां से आया अब बताना होगा। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया , मोदी सरकार द्वारा लाये गये थे इलेक्टॉरल बॉन्ड ,सरकार के इस कार्यक्रम के खिलाफ ADR ने कोर्ट में अपील की थी, 5 जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 2018 से राजनीतिक दलों को प्राप्त कुल चुनावी बांड करोड़ में
बीजेपी- 6566.12
कांग्रेस – 1123.31
एआईटीसी – 1092.98
बीजेडी – 774
डीएमके- 616
टीआरएस – 383.65
वाईएसआर – 382.65
टीडीपी – 146.6
एसएचएस – 101.38
आप – 94.28