मंदसौरमंदसौर जिला

राष्ट्र सेवा सबसे बड़ा धर्म है- पं. दवे


झावल में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा का हुआ विराम

मन्दसौर। राष्ट्र की सेवा, आचरण की शुचिता एवं कर्तव्य कर्म का निर्वहन सबसे बड़ा धर्म है।
उक्त विचार भागवताचार्य पं. ओमप्रकाश दवे ने ग्राम झावल में आयोजित संगीतमय भागवत कथा में व्यक्त किए। आपने कहा कि धर्मरक्षण, राष्ट्र रक्षण एवं संस्कार रक्षण ये ही सनातन धर्म के आधार है। राम-सुग्रीव, कृष्ण-सुदामा, चाणक्य-चन्द्रगुप्त,  समर्थ गुरू रामदास-शिवाजी मित्रता के आदर्श है। मित्रता स्वार्थ नहीं समर्पण चाहती है। दूध और पानी की मिश्रण मित्रता का सर्वोत्तम रूप है।
भागवत कथा में सेना से 19 वर्षों की सेवा कर गांव में पधारे श्री रामनारायण मालवीय का अभिनन्दन किया गया। कथा में प्राप्त भेंट राशि 20751 रू. गौशाला झांवर में प्रदान की गई।
सात दिवसीय का विराम हुआ। इस अवसर पर महाआरती के पश्चात् महाप्रसादी का वितरण किया गया।
सरपंच लाला गुर्जर, जिला माहेश्वरी समाज अध्यक्ष पंकज डागा, परसराम सिसौदिया, कारूलाल डांगी, बाबूलाल आंजना, जगदीश चिचानी, गोपाल लाईनमेन, नागेश डागा, उमरावसिंह डामर, दामोदर चिचानी, कपिलेश दुबे, दिलीप पाटीदार, राधेश्याम डांगी, रामनिवास आंजना, भेरूलाल पाटीदार, धुरालाल, नानालाल पाटीदार, अखिलेश चिचानी समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे। आभार पंकज डागा ने माना।

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