भोपालमध्यप्रदेश

“विश्वगुरू भारत” के परम वैभव की प्राप्ति में परमार समाज की हो उल्लेखनीय सहभागिता: उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार

परमार समाज के प्रतिभावान बच्चों का किया सम्मान
गुफा मंदिर में परमार समाज का “स्नेह सम्मेलन” हुआ

मंत्री श्री परमार ने परंपरागत ज्ञान और पुरातन चिकित्सा पद्धति “आयुष” पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना के भीषण संकटकाल में आयुर्वेद ने अपनी उपयोगिता एवं विश्वसनीयता सिद्ध की है। समाज में देश की परंपरागत विधा “आयुर्वेद” को पुर्नस्थापित करने में हम सभी की सहभागिता आवश्यक है। आयुर्वेद के संरक्षण एवं व्यापक प्रसार के लिए भारतीय परंपरा के अनुरूप विज्ञानगत शोध करने की आवश्यकता है। आयुर्वेद को चिकित्सा की मुख्य धारा में लाने के लिए हम सभी का योगदान आवश्यक है। श्री परमार ने कहा कि स्नेह सम्मेलन में स्वजनों से मिले स्नेह, आत्मीय क्षण और समाज के प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित कर मिली गौरवीय अनुभूति से अभिभूत हूं। इस अवसर पर श्री परमार ने समाज के लोगों से विश्वगुरु राष्ट्र के पुनर्निर्माण के संकल्प को गति देने के लिए समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए आह्वान किया। श्री परमार ने कहा कि “विश्वगुरू भारत” के परम वैभव की प्राप्ति में परमार समाज की उल्लेखनीय सहभागिता हो, इसके लिए समाज के लोग संकल्प के साथ राष्ट्र के पुनर्निर्माण में सहभागी बनें।

इस दौरान श्री परमार ने समाज के यूपीएससी परीक्षा और एमपी पीएससी में चयनित बच्चों सहित बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने वाले बच्चों को सम्मानित किया और उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं।

इस अवसर पर आष्टा के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष श्री कैलाश परमार, समाजसेवी श्री भगवान सिंह परमार, नगर निगम भोपाल के पूर्व पार्षद श्री महेंद्र परमार, डॉ जितेंद्र परमार, श्री अमर सिंह परमार एवं परमार समाज के बंधु-भगिनी सहित प्रतिभावान बेटे-बेटियां उपस्थित थे।

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