देश का राजा वहीं बने जो हिंदुस्तान को परम वैभव तक पहुंचाए – पं. नागर
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ग्राम छायन में चल रहा संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
पिपल्या जौधा () भविष्य में संस्कृत भाषा पुरे विश्व की भाषा बनेगी और पुरे भारत को विश्व मे विश्व गुरु बनाएगी । मुगल और अंग्रेजो ने हिंदुस्तान की भाषा और ग्रंथों को नष्ट करने का काम किया और उनकी भाषा और ग्रंथों को जोड़ने का काम किया लेकिन अब हमारा संकल्प यह है की देश की अगली जनगणना के समय भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी के साथ वैकल्पिक भाषा में सबसे पहला स्थान संस्कृत का हो ना की अंग्रेजी और उर्दू का। वहीं सभी भक्तजन अपने- अपने मत का उपयोग अवश्य करें और वोट को बेचें नहीं। लालच में आकर मतदान नहीं करें। हम राजा उसे ही बनाएंगे जो की हमारे हिन्दी को परम वैभव तक पहुंचाए बस वही राजा बनेगा ।
उक्त वचन राष्ट्रीय संत पं. मिथिलेश नागर ने संजीत के समीपस्थ गांव छायन (अरनिया जटिया) में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कहें । बुधवार को श्रीमद् भागवत कथा छठे दिवस के अवसर पर कथा पांडाल में श्रीकृष्ण और रुक्मणी विवाह का सुंदर चित्रण किया गया। ग्राम छायन के माली (मुवारा) परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय कथा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तजन पहुंच कर कथा का श्रवण कर रहे हैं। संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का समापन गुरुवार 1 फरवरी को होगा। कथा समापन अवसर पर महाआरती और प्रसादी का आयोजन किया जाएगा ।