नाबालिग से छेड़छाड के आरोपी को सजा
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राजगढ। जिला न्यायालय राजगढ में पदस्थ तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं विषेष न्यायाधीष पाॅक्सो एक्ट श्री अब्दुल कदीर मंसूरी राजगढ ने अपने न्यायालय के सत्र प्रकरण क्रमांक 125/22 धारा 354ए 506 भाग 2 भारतीय दण्ड संहिता एवं 9/10 पाॅक्सो एक्ट एवं 3(1)(डब्ल्यू)(आई) व 3(2)(पांच-ए) में अहम फैसला सुनाते हुयेें अभियुक्त बवाल सिंह (परिवर्तित नाम) को पाॅक्सो एक्ट के तहत 05 वर्ष एवं एससी एसटी एक्ट के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 10,000/-रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आलोक श्रीवास्तव राजगढ ने की है।
12 वर्षीय पीड़ित बालिका के द्वारा थाना में आकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज की कि फरियादिया दिनांक 09.11.2022 को मैं अपने गांव के पास खेतों मे गोबर बीनने गई थीं गोबर बीनने के बाद सुबह करीबन 07-08 बजे आरोपी के खेत के पास रास्ते मे बैठी थी वहां पीड़ित बालिका को आरोपी दिखा तो पीड़ित बालिका ने अभियुक्त बवाल सिंह (परिवर्तित नाम) से गोबर की तगारी उठवाने के लिये कहा तो अभियुक्त ने पीड़ित बालिका के पास आकर एक हाथ से पीड़ित बालिका की चोटी पकडी और दुसरे हाथ से बुरी नियत से सीना दबाने लगा। पीड़ित बालिका चिल्लाई तो अभियुक्त बवाल सिंह (परिवर्तित नाम) वहां से भाग गया और जाते-जाते बोला कि यह बात किसी को बताई तो तुझे जान से खत्म कर दूंगा फिर पीड़ित बालिका ने अपने काका और माता को पूरी घटना बताई। पुलिस थाना के द्वारा प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान में लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण में विचारण के दौरान प्रकरण में भारसाधक विषेष लोक अभियोजक श्री आलोक श्रीवास्तव राजगढ द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर प्रकरण के महत्वपूर्ण गवाहों के न्यायालय में कथन कराये और तर्क प्रस्तुत किये। विचारण उपरांत माननीय न्यायालय ने अभियुक्त अभियुक्त बवाल सिंह (परिवर्तित नाम) को धारा 9/10 पाॅक्सो में 05 वर्ष एवं 6000/- रू अर्थदण्ड एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) एससी एसटी एक्ट के तहत 01 वर्ष एवं 4000/- रू अर्थदण्ड अर्थात कुल 10,000/-रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।