राघोगढ़ की 100 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण का मामला,राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने अतिक्रमण हटाकर गहन पौधरोपण का दिया निर्देश
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भोपाल।राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की भोपाल स्थित मध्य क्षेत्रीय न्यायपीठ ने अतिक्रमण के एक प्रकरण में प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग, मुख्य वन संरक्षक, म.प्र एवं प्रमुख सचिव राजस्व म.प्र.वन विभाग, पी सी बी और मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश को वनभूमि से अतिक्रमण हटाने एवं गहरा पौधरोपण करके भूमि को संरक्षित करने का निर्देश दिया गया।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण, भोपाल द्वारा प्रकरण संख्या 163/2023 में तहसील राधोगढ़ जिला गुना, मध्य प्रदेश के कोष्ठ संख्या 678 की लगभग 100 हेक्टेयर भूमि में हुए अतिक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए एक उच्चस्तरीय समिति प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग, मुख्य वन संरक्षक, म.प्र एवं प्रमुख सचिव राजस्व म.प्र को सम्मिलित करते हुए वन भूमि से तत्काल अतिकमण हटाये जाने के संबंध में गठित की गयी है। न्यायपीठ के न्यायिक सदस्य एस.के. सिंह और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेनदल वेल ने उच्चस्तरीय समिति को अपने प्रतिनिधि नामित कर अतिकमण क्षेत्र की पहचान और सीमांकन करा कर उसको अतिकमण मुक्त करा कर, उक्त भूमि का आधिपत्य वन विभाग को दिलाये जाने हेतु निर्देशित किया है। वन विभाग को उक्त भूमि पर खम्भे एवं कटीले तारों को फिक्स कर एवं गहरे वृक्ष लगाकर तत्काल संरक्षित करने का निर्देश दिया गया।
प्रकरण में 100 हेक्टेयर वनभूमि पर वन नियमों के उल्लंघन में हुये अतिक्रमण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये वन विभाग एवं प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को संलग्नक सहित रिर्पोट की प्रति उच्चस्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करने एवं नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया ।
प्रकरण में की गयी कार्यवाही की रिर्पोट को प्रस्तुत करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है। आदेश की एक प्रति मुख्य सचिव मध्य प्रदेश को प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही करने एवं निर्देश देने के संबंध में भेजे जाने का भी आदेश किया गया हैं।