आध्यात्ममंदसौरमध्यप्रदेश

मुनि विश्वामित्र ने राम लक्ष्मण के द्वारा धार्मिक कार्यों को भ्रष्ट करने वाले राक्षस का नाश कराया- पू. आचार्य रामदयालजी महाराज

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पांच दिवसीय गीता जयंती महोत्सव का हुआ समापन

मन्दसौर। धर्मधाम गीता भवन में परम पूज्य शाहपुरा पीठाधीश्वर रामस्नेही जगद्गुरू आचार्य रामदयालजी महाराज एवं अन्य संतों के सानिध्य में पंच दिवसीय गीता जयंती महोत्सव का समापन हुआ।
गीता का प्रारंभ प्रथम शब्द धर्म से हुआ है शाहपुरा पीठाधीश्वर पूज्य आचार्य श्री  रामदयालजी महाराज ने गीता जयंती के अंतिम दिवस विवेकानन्द जयंती पर युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि इस राष्ट्र की अस्मिता-स्वाभिमान को अक्षुण्य बनाये रखने में युवाओं की अहं भूमिका रही है। अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद कराने मंे जहां हजारों शहीदों ने शहादत दी वही इसके पूर्व विदेशी आक्रान्ता से मातृभूमि की प्रतिष्ठा गौरव को कायम रखने और धर्म के लिये  गुरू गोविन्दसिंह के दो बच्चों ने दीवाल में चुने जाने पर हंसते-हंसते प्राणों के बलिदान कर दिया परन्तु अंतिम समय तक सनातन हिन्दू धर्म के विरूद्ध अन्य धर्म को अंगीकार करना मंजूर नहीं किया। आपने कहा कि हमें उन किशोर बालकों के बलिदान को नहीं भूलना चाहिये। आचार्य श्री ने कहा गीता का उद्घाटन भगवान कृष्ण ने सनातन धर्म ढाई अक्षर को भारत का प्राण और विश्व को देशवाहक सनातन धर्म की नींव धर्म शब्द से प्रारंभ किया है।
‘‘धर्मक्षेत्र-कुरूक्षेत्र’’ से गीता से उद्घोष किया है प्रथम धर्म को सामने रखते हुए कि जो मैं करने जा रहा हूॅॅ उसमें मेरे सनातन धर्म के शास्त्रों-संतों का अनुमोदन है या नहीं और उसके बाद कुरूक्षेत्र में अर्थात उस कर्म को करने में हाथ डालों जो शास्त्र सम्मत हो। विश्वामित्र ने भिक्षा में राजा दशरथ से आश्रम के लिये जमीन-जायदाद नहीं धर्म और यज्ञ की रक्षा के लिये राम-लक्ष्मण को लेजाकर असुरों से यज्ञ की रक्षा कराई।
युवाओं को प्रथम मूल मंत्र राष्ट्र धर्म-राष्ट्रभक्ति, माता-पिता, गुरूजनों की सेवा, आज्ञापासन सनातन धर्म के प्रति पूर्ण पक्की निष्ठा होनी चाहिये।
तरूणाई को भटकाने वाली आसुरी शक्तियों से बचना चाहिये जो शक्तियां भारत की उर्जावान-शक्तिवान-तरूणाई को नाना प्रकार के प्रलोभनों की जाल में फंसाकर भटकाना चाह रही है उनसे बचकर अपने सनातन धर्म से विच्युत विलग नहीं होना चाहिये।
गीता गम से अगम की ओर ले जाती हैवर्तमान में जहां देखों वहीं रात दिन कोई पद, पैसा, सम्पत्ति, सन्तती नहीं होने के गम-दुःख में डूबा हुआ है, गीता ऐसों को गम से निकालकर अगम अर्थात सुख शांति आनन्द की ओर से जाती है। गीता का सम्पूर्ण नहीं केवल एक शब्द ही ध्यान से श्रवण कर अनुसरण कर ले तो सम्पूर्ण जीवन ही बदल जाता है।
22 जनवरी को दीपावली मनाने की तैयारियां अभी से प्रारंभ कर दे- कार्तिक मास की दिवाली से भी बढ़कर 22 जनवरी रामलला का प्राण प्रतिष्ठा दीपावली महोत्सव की तैयारियां अभी से ऐसे प्रारंभ कर दे। भवनों को सुंदर रंग रोगन, रंगोलियां लाईटिंग आदि जितना भी अधिक से  अधिक कर सके किया जावे। 22 जनवरी को धर्मधाम गीता भवन में राम मंदिर भूमिपूजन के अवसर पर पूज्य आचार्य श्री ने अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होने का आव्हान किया।
पूज्य आचार्य श्री का सम्मान कर आशीर्वाद लिया-हुडको डायरेक्टर बंशीलाल गुर्जर, पूर्व न्यायाधीश सतीश भार्गव, ज्योतिषज्ञ लालकुंवर दीदी, समाजसेवी रामेश्वर काबरा, राजाराम तंवर, प्रवीण गुप्ता, राजेश मण्डवारिया, देवेन्द्र मरच्या एड., कन्हैयालाल सिंगानी,  अ.भा. पोरवाल महिला समिति की सुनीता मुजावदिया, रेखा मण्डवारिया, कृष्णा गुप्ता, रेखा पोरवाल, कलावती मोदी, शोभा गुप्ता, नीतु मेहता, मंजू मुजावदिया, प्रेम रत्नावत, रानी पोरवाल, गीता भवन महिला समिति की विद्या उपाध्याय, अंजू तिवारी, पूजा बैरागी, रानू विजयवर्गीय, आयुषी अग्रवाल, अनुपमा बैरागी, निर्मला माली, माताजी विष्णुकुंवर बैरागी, माताजी चन्द्रकांता मारोठिया, दाखाबाई चौहान, मजू सेन, मेना कुंवर, सुधा फरक्या, गंगा अग्रवाल, प्रेमलता आचार्य, पुष्पा माली, अनु पाटीदार, वर्षा वैशम्पायन, मंजू राठौर, सोहनकुंवर, शांताबाई, अयोध्या बैरागी ने आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया।
इनका किया सम्मान- पांच दिवसीय गीता जयंती महोत्सव में शंकर बर्फ डिपो के सुरेश बाबानी द्वारा निःशुल्क सेवा देने, नेत्र शिविर स्व. पन्नालाल ठेकेदार की स्मृति में उनके पुत्र शेषनारायण माली की ओर से आयोजित करवाने, राजेन्द्र मेडिकल संचालक विरेन्द्र जैन द्वारा निःशुल्क दवाईयां प्रदान करने, ट्रस्ट सचिव अशोक त्रिपाठी, ट्रस्टी बंशीलाल टांक, आयोजन समिति स्वागताध्यक्ष नरेन्द्र अग्रवाल, मार्गदर्शक ब्रजेश जोशी, उपाध्यक्ष ओम चौधरी, सुभाष अग्रवाल, रजनीश पुरोहित, पुजारी अभिषेक शर्मा, बालू रावल, श्याम बैरागी, का पूज्य आचार्यश्री के माध्यम से गीता भवन ट्रस्ट की ओर से शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया।
कम्बल वितरित किये- पूज्य आचार्य श्री की प्रेरणा से रिन्यु पावर प्रा.लि. द्वारा श्री कन्हैयालाल विजयवर्गीय परिवार की ओर से जरूरतमंद व्यक्तियों को नगर में आचार्य श्री करकमलों से कम्बल वितरित किये गये। श्री विजयवर्गीय परिवार का सम्मान किया गया।
पूज्य आचार्यश्री की आज्ञानुसार आगामी गीता जयंती महोत्सव सप्त दिवसीय आयोजित किया जावेगा।
संचालन ट्रस्ट सचिव पं. अशोक त्रिपाठी ने किया एवं आभार ट्रस्टी बंशीलाल टांक ने माना।

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