आध्यात्ममंदसौर जिलासीतामऊ

जिसने मां को जाना उसने भारत माता को जाना जिसने बेटी को जाना उसने ब्रह्मांड को जाना– श्री जोशी

 

सालरिया में चल रही तीन दिवसीय संगीतमय नानी बाई को मायरो कथा की पूर्णाहुति संपन्न

बिशनिया (रमेश पोरवाल)– सालरिया में चल रही युग संत श्री गोवर्धन जोशी लोट खेड़ी के मुखारविंद से तीन दिवसीय संगीतमय नानी बाई का मायरा कथा की पूर्णाहुति संपन्न हुई कथा के तीसरे दिन श्री जोशी ने कहा है कि सत्संग की सार्थकता भीड़ जमा करने से नहीं है सत्संग की सार्थकता तो वह है जो सत्य को प्रकट कर दे धर्म कभी चमत्कार नहीं बताता जब तक स्वयं जनता जनार्दन को धर्म का कर्म का आध्यात्म का ज्ञान नहीं होगा तब तक वक्ता बोलता रहेगा चाहे उस वेदवानी को क्या सत्य है असत्य हैं जो वह बोल रहा जनता उसको सत्य मान रही क्योंकि सत्य का ज्ञान नहीं होने से सत्संग में इकट्ठी भीड़ झूठ को स्वीकार कर रही है अगर जनता को गिनती का व्याकरण का बारखडी शब्दों का ज्ञान होगा और वक्ता गलत बोल रहा है तो वक्ता की गलती पकड़ी जा सकती है इसलिए सत्संग में वह सत्य जन-जन तक नहीं पहुंच पा रहा जो सनातन कंदमूल सत्य है जिस दिन प्रवक्ता माता में कौशल्या यशोदा देव की का दर्शन कर देगा पुत्र में रामकृष्ण भारत लक्ष्मण शत्रुघ्न का दर्शन कर देगा उस दिन देश ही नहीं सारी दुनिया कृष्णमय राममय हो जाएगी बेटी में देवी स्वरूप का दर्शन हर जनमानस के अंदर वह दिव्य दृष्टि प्रकट कर देगा उस दिन भारत की बेटी पूजनीय वंदनीय सम्माननीय हो जाएगी उस दिन राम कथा भागवत कथा शिव कथा नानी बाई का मायरा इन सत्संगों की सार्थकता जनता प्रजा समझ सकेगा वेदों के रचयिता भगवान श्री वेदव्यास जी ने वेदों का वेदों का पुरानों का शास्त्री कारण किया है आधुनिकरण नहीं सत्संग में आधुनिकता की दौड़ प्रदर्शन एक दिन सनातन के पतन का कारण बनेगा बड़े-बड़े संत विद्वान अपनी राह से भटक चुके हैं इसमें पांच लाख 50 लाख श्रोता का बहुत बड़ा योगदान है अगर अभी भी हम नहीं संभले तो सनातन प्रदर्शन बनकर रह जाएगा हजारों वर्ष तप करने वाले संत भूखे प्यास गिरी कंधराओं में रहकर उन्होंने कभी अपनी भक्ति अपनी शक्ति का चमत्कार नहीं बताया और आधुनिक संत अपनी दुकानदारी का प्रदर्शन कर सनातन को पतन की ओर ले जाने में कोई कमी नहीं रखी इसलिए मेरे इन क्रांतिकारी शब्दों पर आप जितने श्रोता सुन रहे भगवान के सामने बैठकर इस समस्या का चिंतन करें तत्पश्चात महा आरती एवं महा प्रसादी वितरण की गई इसमें अनेक गांव के सैकड़ो श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर आरती एवं प्रसाद ग्रहण कर भक्ति का लाभ लिया।

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