मंदसौरमंदसौर जिला

श्री सुयश रामायण मण्डल के तत्वावधान में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत  कथा का हुआ शुभारंभ


पं. मनोहरजी नागर (उज्जैन) धर्मालुजनों को करा रहे है कथा श्रवण

मन्दसौर। श्री सुयश रामायण मण्डल जनता कॉलोनी मंदसौर के तत्वावधान में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जनवरी माह में श्रीमद् भागवत कथा काआयोजन किया जा रहा है। सुयश रामायण मण्डल निरंतर 19 वर्षों से दिसम्बर-जनवरी माह में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करता आ रहा है। इस वर्ष भी इस परम्परा को कायम रखते हुए 20वें वर्ष में भी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन संजय गांधी उद्यान में किया जा रहा है। पं. दशरथभाईजी के मार्गदर्शन में सुयश रामायण मण्डल के तत्वावधान में कल श्रीमद् भागवत कथ्ज्ञा के शुभारंभ अवसर पर भव्य पौथी व कलश यात्रा निकाली गई। पं. मनोहरजी नागर (उज्जैन) जो कि इस भागवत कथा में प्रतिदिन दोप. 12.30 से सायं 5 बजे तक अपने मुखारविन्द से भागवत कथा का रसपान धर्मालुजनों को करायेंगे। वे भी इस पौथी व कलश यात्रा में शामिल हुये। सुयश रामायण मण्डल के सदस्यों ने उन्हें बग्गी पर विराजित कर कथा शुभारंभ अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली। यह शोभायात्रा जनता कॉलोनी स्थित शीतला माता मंदिर से प्रारंभ हुई और जनता कॉलोनी के मेन रोड़, महाराणा प्रताप चौराहा होते हुए संजय गांधी उद्यान नईआबादी पहुंची। इस शोभायात्रा में कथा के मुख्य यजमान श्री पुष्पेन्द्र भावसार व श्रीमती संगीता भावसार ने भागवत पौथी को अपने सिर पर धारण किया। सुयश रामायण मण्डल के सदस्यों ने भी पौथी को सिर पर धारण करने का धर्मलाभ लिया।  यह उल्लेखनीय है कि सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के मुख्य यजमान पुष्पेन्द्र भावसार है।
संजय गांधी उद्यान में कथा के शुंभारंभ अवसर पर पं. मनोहरजी नागर ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा केवल एक ग्रंथ नहीं बल्कि ज्ञान का महासागर है जो भी व्यक्ति इसका रसपान करता है उसे प्रभु श्री कृष्ण की परम कृपा प्राप्त होती है। श्रीमद् भागवत मनुष्य को मृत्यु के भय से मुक्त कराती है। साथ ही सांसारिक मोह और बंधनों से भी हमें मुक्ति का मार्ग बताती है। सुयश रामायण मण्डल बहुत ही भाग्यशाली मण्डल है जिसे प्रतिवर्ष भागवत कथा कराने का धर्मलाभ प्राप्त हो रहा है। मण्डल के प्रत्येक सदस्य को शुभकामनाएं जिन्होंने कथा आयोजन का बीड़ा उठाया।
कथा शुभारंभ अवसर पर सुयश रामायण मण्डल के मार्गदर्शक पं. दशरथभाईजी ने कहा कि भागवत कथा धन से नहीं मन से होती है। इस पंक्ति को चरितार्थ करने का काम सुयश रामायण मण्डल ने किया है। निस्वार्थ भाव से मण्डल 20 वर्षों से इस आयोजन को कर रहा है। मैं इसके लिये मण्डल को शुभकामनाएं देता हूॅ। इस मण्डल में कोई पदाधिकारी नहीं है बल्कि सभी सदस्य है। बालाजी महाराज इसके संरक्षक हैं, मैं भी इस मण्डल से कई वर्षों से जुड़ा हूॅ। संचालन महेश रेठा ने किया।
नपाध्यक्ष श्रीमती गुर्जर ने पोथी पूजन किया- भागवत कथा के शुभारंभ अवसर पर नपाध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर ने भी पहुंचकर धर्मलाभ प्राप्त किया। उन्होंने कथा के प्रथम दिवस पौथी का पूजन पं. दशरथभाईजी के मार्गदर्शन में किया तथा संतश्री का माला पहनाकर स्वागत किया। आपने अपने उद्बोधन में कहा कि सुयश रामायण मण्डल का धर्म एवं संस्कृति के लिये जो काम किया जा रहा है वह सराहनीय है।
भाजपा जिलाध्यक्ष अटोलिया ने पौथी की आरती की- कथा के प्रथम दिवस भाजपा जिलाध्यक्ष्ज्ञ श्री नानालाल अटोलिया ने भागवत पौथी की आरती की तथा पं. दशरथभाई व व्यासपीठ पर विराजित पं. मनोहरजी नागर का पुष्पहार से स्वागत किया।

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