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नीलगाय किसानों की फसलों पहुंचा रही नुकसान

नीलगाय किसानों की फसलों पहुंचा रही नुकसान,

पालसोड़ा- नीलगायों द्वारा फसलों को नष्ट करना वर्तमान समय में खेतो लहराती फसलों बड़ी समस्या है। हर साल नीलगाय की बढ़ रही संख्या लेकिन इतना कहा जा सकता है कि फसलों को जितना नुकसान कीड़े-मकोड़ों और बीमारियों से हो रहा है उससे कहीं ज्यादा नुकसान नीलगायों से हो रहा है। नीलगायों किसानों के लिए आतंक बन गई है इनका आतंक न केवल वर्षों से है बल्कि बढ़ता ही जा रहा है पालसोड़ा क्षेत्र के किसानों नीलगाय आतंक से जूझना पड़ रहा है झुंड में आकर नीलगाय फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं मौसम परिवर्तन के कारण अधिक ठंड के कारण किसान खेत में रखवाली भी नहीं कर सकते हैं खेतों में इस समय गेहूं, चना, मेथी , सरसों अफीम सहित अन्य प्रकार की फसलें खड़ी है नीलगाय से फसलों को बचाने के लिए किसान कई प्रकार के जतन कर रहे हैं। कुछ तो जाली लगा रहे हैं तो कुछ कंटीली झाड़ियों से खेतों की रक्षा करने में जुटे हैं। इसके बाद भी फसलों को रोजड़े बर्बाद कर रहे हैं।
कई किसान फसल के आसपास साड़ियां बांधकर फसलों को बचाने की जुगाड कर रहे हैं तो कुछ खेत में पुतले बनाकर फसलों को नीलगायों से बचाने का प्रयास कर रहे हैं, मगर नीलगाय फिर भी फसलों को तबाह कर रही है। ज्यादा मेहनत वाली अफीम फसल भी नीलगाय के निशाने पर ही रहती है। इस नीलगायों को झुंड में आकर खेतों को फसल को बर्बाद कर देती हैं सुबह लेकर देर रात तक रोजाना भागने बाद भी अगले दिन पुनः लौट आती हैं ऐसे में समझ में में नही आ रहा क्या उपाय किया जाए कई बार तो रात के समय ये नील गाय गाड़ियों की लाइट की रोशनी देखते ही सड़क की तरफ भागने लगती है। जिससे दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। सरकार नीलगाय को लेकर समस्या से निजात दिलाया जाए।

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