निस्वार्थ प्रेम सिर्फ कृष्ण और सुदामा की मित्रता में है – पंडित सत्यनारायण जी शर्मा

मंदसौर। मंदसौर जिले के ग्राम लसुड़िया में चल रही श्रीमद् भागवत पुराण कथा का 19 अगस्त को विश्राम हुआ ।
कथा के अंतिम दिवस में भी श्रद्धालुओं व ग्रामवासी की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।कथा के समापन के अवसर पर श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण की भावना को लेकर यज्ञ में आहुतियां दीं।
कथा वाचक पंडित सत्यनारायण जी शर्मा ने श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र को लेकर कहा कि जिस प्रकार भगवान ने अपने मित्र का भव्य आदर कर उसे उसी अवस्था में भेजा जिस अवस्था में वो आए थे। गुरुजी ने समझाया कि भगवान अपने मित्र सुदामा को कुछ देते तो सुदामा के मन में ग्लानि होती। समाज हंसता और कहता कि लेने के लिए सुदामा ने मित्रता बताई। मेरी मित्रता छोटी हो जाती। संबंध हमेशा इस तरह निभाना चाहिए, जिससे गरिमा को ठेस नहीं लगे।कथा के समापन के बाद सभी श्रद्धालु गण ने प्रसादी ग्रहण की।