आलेख/ विचारमंदसौरमध्यप्रदेश

वर्षों की प्रतीक्षा और निरंतर संघर्ष की परिणति है राम मंदिर

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राम मंदिर आंदोलन में अविभाजित मंदसौर जिले के सैकड़ों कारसेवकों ने दिया था अहम योगदान

-रविंद्र कुमार पाण्डेय
कारसेवक अयोध्या राम

जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन
पूर्व जिला मंत्री विश्व हिंदू परिषद मंदसौर
मो.नं. 9669466999

अयोध्या में राममंदिर बनने की खुशी संपूर्ण देश मना रहा है. 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य राम मंदिर में विराजने वाले हैं. इसको लेकर तैयारियां जोरो से चल रही है. लेकिन इस राम मंदिर के निर्माण में कारसेवकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.। अयोध्या राममंदिर आंदोलन में लाखों बलिदानियों कारसेवकों का बलिदान भगवान श्री राम के मंदिर के लिए हुआ था। राम मंदिर निर्माण से कार सेवा में प्राणोत्सर्ग करने वाले कारसेवकों के परिवारों की खुशी का ठिकाना नहीं है। वर्षों की प्रतीक्षा और निरंतर प्रयासों संघर्ष की परिणति है राम मंदिर। अंततः भारत के लिए एक वास्तविकता है।
कारसेवक रविन्द्र पाण्डेय ने बताया कि 1990 व 1992 में अविभाजित मंदसौर जिले से सैकड़ों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या प्रस्थान किया था। 1992 से पहले 1990 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने राज्य की पुलिस को मंदिर परिसर में कार सेवकों को खुलेआम गोली मारने का आदेश भी दिया था 1992 में वही गुस्सा रामभक्तों था। देशभर से लाखों कारसेवकों की भीड़ बाबरी मस्जिद की ओर बढ़ रही थी। वे नारे लगा रहे थे- जय श्रीराम, रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, एक धक्का और दो… इस नारे की गूंज से पूरी अयोध्या गूंज रही थी। लाखों रामभक्तों ने बाबरी ढांचे  को तोड़ दिया। बल्लम, कुदाल, छैनी-हथौड़ा से ढांचे पर वार पर वार किए गए जिसके हाथ में जो था, वही उस ढांचे को ध्वस्त करने का औजार बन गया। यह सब दो घंटे में हो गया था इस घटनाक्रम की जांच के लिए बाद में ‘लिब्रहन आयोग’ का गठन किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि प्राचीन भगवान श्री राम के मंदिर को तोड़कर कथित बाबरी मस्जिद बनी थी। मध्य काल मे विदेशी  मुस्लिम आक्रांताओं ने अयोध्या मथुरा काशी आदि हिन्दुओं के कंई देव स्थानों को तोड़ा था जिनके अवशेष आज भी देखने को मिलते हैं। आजादी के बाद हमें और हमारी भाभी पीढ़ी को जो सत्य इतिहास पढ़ाना चाहिए था वह नहीं पढ़ाया गया और मध्यकाल में आए विदेशी मुस्लिम आक्रांत लुटेरे को महिमा मंडित कर पाठ्यक्रमों में कपोल कल्पित इतिहास  लिखवा कर भ्रमित किया गया झूठ अधिक समय तक नहीं चल सकता सच्चाई सामने आई और आज हम देख रहे हैं की कई सच्चे इतिहासकारों ने सच्चाई को उजागर किया जो आज हमारे सामने हैं
बर्खास्त की गई थी भाजपा की राज्य सरकारे –  इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल की सरकार को बर्खास्त कर दिया था। माननीय कल्याण सिंह जी बर्खास्तगी से करीब तीन घंटे पहले ही इस्तीफा दे चुके थे। हालांकि अब ये बातें इतिहास है।हमें आज यह नहीं भूलना चाहिए कि राम मंदिर के मुद्दे का समर्थन करने के लिए भाजपा को दशकों तक किस तरह अपमान और निंदा सहनी पड़ी थी। यह लगभग एक राजनीतिक अछूत बन गयी थी, राजनीतिक क्षेत्र में इसका कोई सहयोगी नहीं रह गया।
वर्तमान में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो गया है।
कई तथाकथित बुद्धिजीवियों ने भाजपा का उपहास करते हुए कहा था कि पार्टी के लिए मंदिर-मस्जिद विवाद विकास और प्रगति से अधिक महत्वपूर्ण है। यह जनता की भावनात्मक सांस्कृतिक आकांक्षाओं से कुछ मीडिया घरानों के अलगाव का स्पष्ट संकेत है। वर्षों तक, बुद्धिजीवियों और मीडिया के कई संशयवादियों ने दावा किया कि अयोध्या में मंदिर का सपना केवल भाजपा का चुनावी नारा बनकर रह जाएगा। आम चुनाव से पहले जब भी भाजपा ने पार्टी का घोषणापत्र जारी किया, तो तत्काल प्रसन्न करने वाली हेडलाइन यह होगी कि पार्टी ने अयोध्या-मंदिर मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। पीछे हो या सामने, जनता के प्रति प्रतिबद्धता पार्टी के एजेंडे के केंद्र में सुलगती रही। वर्तमान में प्रधानमंत्री का  22 जनवरी पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी 22 जनवरी 2024 को होगी. जो इस ऐतिहासिक अवसर पर संपूर्ण विश्व भर के राम भक्तों के लिए अद्भुत आनंद का अवसर होगा ।
चित्र- कार सेवा में जाते हुए गिरफ्तारी का प्रमाण पत्र केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ ने दिया था।

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