आध्यात्ममंदसौरमध्यप्रदेश

श्रीमद् भागवत कथा में शंकराचार्य श्री ज्ञानानंदजी तीर्थ का हुआ आगमन


प.पू. श्री उत्तमस्वामीजी के मुखारविन्द से भगवान श्री कृष्ण का जन्म वृतान्त श्रवण कर भाव विभोर हुए धर्मालुजन

 
मन्दसौर। दिनांक 17 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक रूद्राक्ष माहेश्वरी धर्मशाला में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। रामगोपालजी प्रहलाद महेश काबरा , सत्यनारायणजी, हरिश, महेश, रम्मू गर्ग (केडिया), कुंदनमलजी, प्रहलाद, ब्रह्मप्रकाश, पियूष गर्ग (केडिया) परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में महामण्डलेश्वर महर्षि श्री उत्तमस्वामीजी प्रतिदिन दोप. 1 से सायं 5 बजे तक व्यासपीठ पर विराजित होकर श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करा रहे है। इस कथा के श्रवण करने मंदसौर नगर ही नहीं अपितु पूरे अंचल के धर्मालुजन बड़ी संख्या में कथा स्थल पर पहुंच रहे है और कथा श्रवण का धर्मलाभ ले रहे है।
प.पू. महर्षि महामण्डलेश्वर श्री उत्तमस्वामीजी ने भागवत कथा के चतुर्थ दिवस भगवान श्री कृष्ण के जन्म का वृतान्त श्रवण कराया। संतश्री ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म के पूर्व पूरे भारतवर्ष जिसे उस समय आर्यवृत्त के नाम से भी जाना जाता था स्थिति विकट थी। मथुरा नरेश कंस के कारण पूरे आर्यावृत्त की प्रजा दुखी थी। ब्राह्मणों को यज्ञ नहीं करने दिया जाता था। स्त्रियों व बच्चों का जीवन भी सुरक्षित नहीं था। स्त्रियों पर कंस की सेना अत्याचार करने से गुरेज नीं करती थी। कंस ने अपनी बहन देवकी व बहनाई को मथुरा के कारागार में बंदी बनाकर रखा था। उनकी सात संतानों की निर्दयता से उसने हत्या कर दी थी। ऐसे दुष्ट व्यक्ति को दंडित करने व पुनः धर्म की स्थापना के लिये श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। कृष्ण के जन्म होते ही मथुरा के कारागृह के दरवाजे जो बंद थे खुल गये। वासुदेव ने कृष्ण को ले जाकर अपने मित्र गोकुल के नंदबाबा के यहां छोड़ दिया। भादौ मास की अष्टमी को जब यमना नदी उफान पर थी उस समय वासुदेव ने नन्हें बाल स्वरूप कृष्ण को यमना नदी पार कराई। कृष्ण को जन्मोत्सव गोकुल में नंदबाबा व माता जसौदा के यहां मना। प.पू. उत्तमस्वामी के मुखारविन्द से भगवान कृष्ण का ऐसा जन्मवृतान्त सुन पुरे कथा पाण्डाल में खुशी का वातावरण निर्मित हो गया। चारों और कृष्णजी के जयकारे गुंजने लगे। इसी दौरान वासुदेव व देवकी बने हरिश गर्ग व गुणिता गर्ग ने कृष्ण गोपाल बने इशीता गर्ग को कथा पाण्डाल में प्रवेश कराया। बालस्वरूप कृष्णजी का कथा पाण्डाल में भव्य स्वागत हुआ। उन पर पुष्पवर्षा की गई। हरिश व गुणिता गर्ग ने नन्हें बाल गोपाल को नंदबाबा व जसौदा बने प्रहलाद आशा काबरा को सौंपा तो काबरा व गर्ग परिवार ही नहीं अपितु पुरे कथा पांडाल में जन्मोत्सव की खुशिया मनाई जाने लगी। कृष्ण जन्मोत्सव पर ऐसा अद्भूत अवसर देख धर्मालुजनों ने भी एक दूसरे को कृष्ण जन्मोत्सव की बधाई दी।
पाप के परिणाम की चिंता करंे– प.पू. श्री उत्तमस्वामीजी ने कहा कि मनुष्य अपने स्वार्थ के लिये पाप व पुण्य कर्म करता है। पापकर्म करने के पूर्व मनुष्य को उसके परिणाम की चिंता जरूर करना चाहिये। सुखदेव राजा परीक्षित को कहते है कि प्रत्येक कार्य के पहले उसके परिणाम की चिंता करना चाहिये। मनुष्य को पापकर्म करने के पहले उसके परिणाम का भी चिंतन करना चाहिये। भगवत गीता में कर्म का सिद्धांत बताया गया है। हम जैसा कर्म करते है हमें वैसा ही फल मिलता है। शास्त्रों में 28 प्रकार के पापकर्म बताये गये है। और उन सभी का भिन्न-भिन्न परिणाम भी बताया गया है।
भागवत श्रवण से जीवन पुनीत बनता है- संतश्री ने कहा कि श्रीमद् भागवत ज्ञान का भण्डार है। जो मनुष्य इसे श्रवण करता है उसका जीवन पवित्र बनता है मनुष्य को अपने जीवन में भागवतजी का महत्व समझना चाहिये। श्रीमद् भागवत पुण्य कर्म करने के लिये मनुष्य को प्रेरित करती है तथा पापकर्म नहीं करने की सीख देती है।
ज्ञान का अहंकार मत करो- प.पू. श्री उत्तमस्वामीजी ने अजामीर की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि वे ब्राह्मण कुल में जन्मे थे लेकिन उन्हें अपने ज्ञान का बहुत अधिक अहंकार था इसी कारण उच्च कुल में जन्म लेने के बावजूद भी उन्हें नरक गति मिली। अर्थात जो भी व्यक्ति अपने ज्ञान का अहंकार करता है तथा दूसरों को नीचा दिखाता है उसकी गति बिगड़ती ही है।
अच्छी संगति करो, कुसंगति से बचो- संतश्री ने कहा कि पाप कर्म करना ही पाप नहीं है। बल्कि पापी व्यक्ति का साथ देना भी पाप है। पाप करने वाले के किसी भी बुरे काम में आप सहभागी मत बनिये नहीं तो आपकी गति बिगड़ जायेगी। जैसे भीष्म की बिगड़ी थी। जिन्होंने कौरवों का साथ दिया था। पापी व्यक्तियों के साथ यदि हम संगति करते है तो उनकी संगति का प्रभाव भी पड़ता है।
शंकराचार्यजी का हुआ आगमन- श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस भानपुरा पीठ के शंकराचार्य श्री ज्ञानानंदजी तीर्थ, युवाचार्य श्री वरूणेन्द्रजी तीर्थ एवं मेनपुरिया आश्रम के महंत श्री महेश चैतन्यजी महाराज आदि कई संतों का भी आगमन हुआ। भागवत कथा में पधारे श्री शंकराचार्य श्री ज्ञानानंदजी तीर्थ ने भागवत पौथी पर पुष्प अर्पित कर पौथी की आरती की। इस अवसर पर उन्होनंे कथा आयोजक काबरा व गर्ग (केडिया) परिवार के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करने पर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।
विशिष्ट अतिथियो ने पौथी पूजन किया- श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस बुधवार को कथा शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के पूर्व मंत्री कैलाश चावला, भाजपा किसान मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर, भाजपा जिलाध्यक्ष नानालाल अटोलिया, नपाध्यक्ष श्रीमती रमादेवी गुर्जर, म.प्र. स्टेट पेपर हाउस कार्पोरेशन के उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, सकल जैन समाज अध्यक्ष प्रदीप कीमती, निराश्रित बालगृह अपना घर के प्रमुख श्री रावविजयसिंह ने भागवत पोथी का पूजन किया और संतश्री का स्वागत कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर काबरा व गर्ग (केडिया) परिवार ने अतिथियों का भी स्वागत किया।
इन्होनंे भी किया पौथी पूजन व संतश्री का स्वागत- चतुर्थ दिवस की कथा के शुभारंभ अवसर पर काबरा व गर्ग (केडिया) परिवार के रिश्तेदारों व मित्रगणों ने भी भागवत पौथी का पूजन किया और संतश्री से आशीर्वाद लिया। भरत बंसल भीलवाड़ा, कैलाश अग्रवाल रतलाम, नंदकिशोर अग्रवाल हक्कूभाई मंदसौर, सत्यनारायण न्याती इंदौर, गोपाल न्याती, शंभु न्याती, भेरूलाल माहेश्वरी, विनीत लड्डा, मण्डी बोर्ड के जाईंट कमिश्नर महेन्द्रसिंह चौहान, विहिप के गुरूचरण बग्गा, प्रदीप चौधरी, कन्हैयालाल सोनगरा, लक्की बड़ोलिया, मीडिया परिवार के ब्रजेश जोशी, डॉ. घनश्याम बंटवाल, संजय लोढ़ा, पुष्पराजसिंह राणा, नरेन्द्र अग्रवाल, प्रकाश सिसौदिया,  राहुल सोनी, अनिल जैन, संजय वर्मा, लोकेश पालीवाल, पं. अशोक त्रिपाठी, जितेश जैन, आशीष भारद्वाज, शंभुसेन राठौर ने भी भागवत पौथी का पूजन कर संतश्री से आशीर्वाद लिया।
सिंधी समाज, माहेश्वरी समाज, तलाई वाले बालाजी ट्रस्ट ने श्री उत्तम स्वामीजी व कथा आयोजक परिवार का स्वागत किया- इस अवसर पर तलाई वाले बालाजी ट्रस्ट के धीरेन्द्र त्रिवेदी व ट्रस्ट मण्डल के सदस्यों ने भी श्री उत्तम स्वामीजी व कथा आयोजक परिवार के सदस्यों का स्वागत किया। इस अवसर पर सिंधी समाज के दृष्टानंद नैनवानी, वासुदेव खेमानी,  नन्दूभाई आडवानी, प्रीतम खेमानी के द्वारा भी कथा आयोजक परिवार का स्वागत किया गया। जिला माहेश्वरी समाज अध्यक्ष पंकज डागा, महिला मण्डल अध्यक्ष मंजू जाखेटिया, सचिव राखी मण्डोवरा आदि महिलाओं ने संतश्री का स्वागत किया व उनसे आशीर्वाद लिया। जिला धार्मिक उत्सव समिति के विनोद मेहता, वरदीचंद कुमावत ने संतश्री का स्वागत किया। दशपुर मण्डी व्यापारी के राजेन्द्र नाहर व अन्य पदाधिकारियों ने भी स्वागत किया। इस अवसर पर सिंधी समाज के द्वारा उत्तम स्वामी के गुरूभक्त मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तपन भौमिक का भी शाल श्रीफल भेंटकर स्वागत किया। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनिल कियावत, पार्षद श्रीमती भारती पाटीदार ने भी भागवत कथा में सहभागिता की। संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री ब्रजेश जोशी व श्री संजय लोढ़ा ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}