अपराधियों मे नहीं पुलिस का खौफ, थाना परिसर मे 100 डायल के चालक से मारपीट कर थाने पे बरसाए पत्थर

आरोपियों ने पुलिस पर ही लगा दिया मजदूरी के पैसे नहीं देने का आरोप
टकरावद (पंकज जैन )- रात को शराब के नशे मे थाना प्रभारी को फोन लगाकर गालिया बकने व समझाने के बाद भी थाना परिसर मे आकर 100 डायल चालक से मारपीट करने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया
मामला नाहरगढ़ थाने का है जहाँ नाहरगढ़ थाना प्रभारी रमेश चंद डांगी को सोमवार -मंगलवार रात को 12 बजे नाहरगढ़ नई आबादी निवासी जीवन पिता बाबूलाल सिकलीगर द्वारा बार बार फोन लगाया जा रहा था व गालिया दी रही था जिसकी तस्दीक करने 100 डायल को भेजा जहाँ आरक्षक राजू धनगर उनको समझा कर थाने पर लोटे ही थे की जीवन सकलीगर अपना पूरा परिवार लेकर नई आबादी से थाने पर आ गया व 100 चालक दरबार सिंह से मारपीट करने सभी मारपीट करने लगे पुलिस को समझाने पर भी नहीं माने व ईटे पत्थर थाने मे ही फेकने लगा व सुबह फिर मोहल्ले मे चिल्ला चोट करने लगे की पुलिस ने हमारा क्या कर लिया हालाकि पुलिस ने इस मामले मे जीवन व उसके भाई महेश के खिलाफ धारा 151 मे प्रकरण दर्ज कर तहसील कार्यालय मे पेश किया जहाँ से दोनों को जेल भेज दिया
पुलिस अधीक्षक को सौपा ज्ञापन:-जीवन सिकलीगर व उसके परिवार द्वारा मंगलवार को एक ज्ञापन पुलिस अधीक्षक महोदय को सौपा गया जिसमे थाने मे टाइल लगाने के पैसे मांगने पर पुलिस द्वारा मारपीट का आरोप लगाया
जबकि पुलिस का कहना का 6 माह पहले थाने मे बबलू ठेकेदार से टाइल लगवाई थी तब ही ठेकेदार को तत्कालीन थाना प्रभारी दिनेश प्रजापति द्वारा भुगतान कर दिया था तों तब 6 महीने बाद रात को फोन लगाकर गालिया देने का क्या मतलब
मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, एसपी से मांगा प्रतिवेदन
जानकारी के अनुसार मंदसौर जिले के नाहरगढ़ पुलिस थाने में मजदूर और उसके परिवार द्वारा थाने में टाइल्स लगाने के बाद उस काम के रूपये मांगने पर पुलिसकर्मियों द्वारा मजूदर के घर में घुसकर मारपीट करने की घटना सामने आई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, मंदसौर से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन, पीड़ित बताये गये व्यक्तियों की डाक्टरी जांच रिपोर्ट, सम्बन्धित समय के थाना नाहरगढ़ के सीसीटीवी केमरों के फूटेज की अधिकृत प्रति आवश्यक विवरण सहित और जीवन एवं महेश के विरूद्व की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन 15 दिन में मांगा है।