विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष कर अपनी राह बनाने वाले श्री रजनीश व राहुल गुप्ता का सम्मान

हम दूर्जनों का संहार तो नहीं कर सकते लेकिन अच्छे लोगों का सृजन जरूर कर सकते हैं पंच प्यारे समूह प्रधान।
दरबार कुम्हारी
मल्हारगढ़। पंच प्यारे समूह द्वारा मल्हारगढ़ के निवासी श्री राहुल गुप्ता व श्री रजनीश गुप्ता का शॉल श्रीफल से सम्मान किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रमजीव पत्रकार संघ के मंदसौर जिला अध्यक्ष प्रकाश बंसल, विशेष अतिथि तहसील अध्यक्ष श्री पंकज जैन व कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी श्री ओमप्रकाश बटवाल ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री बंसल ने कहा कि पंच प्यारे समूह अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर अच्छे कार्य कर रहे हैं जो प्रशंसनीय व अनुकरणीय है। विशेष अतिथि श्री पंकज जैन ने कहा कि छोटे-छोटे रचनात्मक कार्यों से अच्छे समाज का निर्माण होता है।
समाजसेवी श्री ओम प्रकाश बटवाल ने कहा कि समाज में अच्छा वातावरण बनाने के लिए हमें श्रेष्ठता का सम्मान करना चाहिए समाज का दायित्व है कि हम प्रतिभाओं को अवसर देकर उन्हें आगे बढ़ने का प्रयास करें। आपने कहा कि समर में घाव जो खाता है,उसी का मान होता है, छिपा उस वेदना में भी मधुर वरदान होता है,सृजन में जो झेलता चोट चीनी-हतोड़ी की वही पाषाण मंदिर में भगवान होता है।
पंच प्यारे समूह के प्रधान श्री मांगीलाल भान ने कहा कि कोई व्यक्ति सफलता प्राप्त कर लेता है तो उसकी सफलता तभी सार्थक है जब वह अन्य पात्र व्यक्तियों के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को दूर करें ।शिक्षा विद श्री महेश विजयवर्गीय नें कहां की इन गुप्ता बंधुओ ने बंजर भूमि में मेहनत के बल पर सफलता के फूल खिलाए हैं।आपने विषम परिस्थितियो का सामना कर अपने लक्ष्य को चुना है आप निरंतर यूं ही प्रगति करते रहे आपको बधाई एवं शुभकामनाएं।
पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष मोहन सेन काछावा ने कहा कि आज हम आपका सम्मान इसलिए कर रहे हैं ताकि आपको देखकर विषम परिस्थितियों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी भी अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होकर सफलता को प्राप्त करे।
इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि श्री रमेश विजयवर्गी संस्कार विद्यालय के व्यवस्थापक श्री सत्येंद्र पाटीदार, पंच प्यारे समूह के उपाध्यक्ष श्री नाथू लाल साहू, नगर परिषद पूर्व सभापति श्री हेमंत गुप्ता यश गुप्ता पूर्व सरपंच श्री शिवलाल पाटीदार सहित पंच प्यार समूह के सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन दरबार कुम्हारी एवं आभार बजरंग अखाड़ा उस्ताद रामेश्वर गौरी ने माना।