भोपालमध्यप्रदेशराजनीति

डाक मत पत्र की चलती तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में कुल तीन लाख,चालीस हजार,तीन सौ चऔपन मतदाताओं ने डाक मत पत्र का उपयोग किया, जिसमें से कांग्रेस को एक लाख तिरानवे हजार,चार सौ, बावन तो भाजपा को एक लाख 22 हजार 80 9 और 24,093 अन्य को मत मिले, इन आंकड़े के हिसाब से डाक मत पत्र का उपयोग करने वालों नेकांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया जब ईवीएम से मतदान करने की बारी आई तो मतदाताओं ने भाजपा को चुना,,जिसके चलते अब मध्य प्रदेश में फिर भाजपा की सरकार बनेगी,,

🔸उज्जैन जिले की सात विधानसभाओं की बात करें तो डाक मत पत्र में सिर्फ बड़नगर विधानसभा में ही भाजपा प्रत्याशी को अधिक मत मिले हैं,,जिसमें 22 मत अधिक थे,,वही यहां पर डाक मत पत्र में 139 मतदाता ऐसे भी रहे जिन्होंने बीजेपी कांग्रेस दोनों को पसंद नहीं किया,,बाकी 6 विधानसभा में डाक मत पत्र के माध्यम से मतदाताओं ने कांग्रेस को पसंद किया,

🔸वही उज्जैन शहर में भाजपा कांग्रेस के बाद तीसरे नंबर पर नोटा (nota)रहा,,उज्जैन शहर के कुल मतदाताओं में से 7795 मतदाताओं ने भाजपा कांग्रेस दोनों को नकार दिया,

🔸अब उज्जैन की दोनोंविधानसभा की बात की जाए तो उज्जैन उत्तर में कुल 6 प्रत्याशी मैदान में थे,जिसमें से भाजपा-कांग्रेस के बाद 1,194 लोगों ने नोटा ऑप्शन का इस्तेमाल किया,,याने 6 में से एक भी प्रत्याशी 1000 से अधिक मतदाताओं को पसंद नहीं था,,,वही बीएसपी को 578 मत मिले,,,और अन्य तीन निर्दलीयों को 742 मत प्राप्त हुए,

🔸उज्जैन दक्षिण में 2098 लोगों ने नोटा ऑप्शन को चुना,,याने ये 2000 से अधिक लोग मतदानकरने तो पहुंचे परंतु उज्जैन दक्षिण से 09 प्रत्याशी मैदान में थे,इनमें से उन्हें एक भी अपने नेता के योग्य नहीं लगा,,,और नोटा को चुना,,वहीं बीएसपी(बहुजन समाज पार्टी)को 1419 मत मिले,,वीबीपी(वास्तविक भारत पार्टी)554 मत,,और अन्य पांच निर्दलीय को 1210 मत मिलें,, इस तरह 7795 मतदाताओं ने या तो नोटा ऑप्शन का इस्तेमाल किया या किसी अन्य पार्टी या फिर निर्दलीय को अपना मत दिया,,,,कुल मिलाकर उज्जैन में दोनों विधानसभा में3292 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया,,यह नोटा ऑप्शन की संख्या इसलिए भी बड़ी मानी जा सकती है क्योंकि उज्जैन जिले की ही विधानसभा महिदपुर से भाजपा प्रत्याशी मात्र 290 वोट के अंतर से हार गए और हर एक मत जरूरी होता है इसलिए भी कहा जाता है कि उज्जैन संभाग में स्थित शाजापुर में कांग्रेस प्रत्याशी मात्र 28 वोट के अंतर से हरे जो कि मध्य प्रदेश में सबसे कम अंतर की हार भी रही।

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