आध्यात्ममंदसौरमध्यप्रदेश

हमारा सुख- दुख का कारण कोई और है परंतु यह सोच गलत है हमारे सुख- दुख का कारण हम स्वयं है -पूज्य स्वामी श्री आनन्द स्वरूपानंदजी महाराज

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श्री केशव सत्संग भवन खानपुरा में चातुर्मास का कल 18 सितम्बर को होगा समापन

मंदसौर। श्री केशव सत्संग भवन खानपुरा में ऋषिकेश के पूज्य स्वामी श्री आनंदस्वरूपानंद जी महाराज का चातुर्मास सत्संग का कल दिनांक 18 सितंबर को प्रातः 9 बजे समापन होगा। स्वामीजी के चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन प्रातः 8.30 बजे से 10 बजे तक आध्यात्मिक अनेक प्रसंगों-उदाहरण के साथ ही श्रीमद् भागवत के एकादश स्कन्ध पर सारगर्भित प्रवचन हो रहे है जिनका बड़ी संख्या में जिज्ञासु श्रद्धालु लाभ ले रहे हैं।
सनातन धर्म के संबंध में स्वामी जी ने कहा हमारा सनातन धर्म सीमित संकुचित नहीं इतना व्यापक है कि समस्त धर्म उसमें समा जाते हैं सनातन धर्म का मुख्य सिद्धांत संदेश ’’सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ।’’सभी सुखी निरोग रहे,  सभी को सर्वानंद सुख शांति का अनुभव होता रहे । किसी को किसी प्रकार का शारीरिक मानसिक क्लेश दुःख नहीं होने की सनातन धर्म संदेश प्रेरणा देता है ।
हम यह सोचते हैं हमारा सुख दुख का कारण कोई और है परंतु यह सोच गलत है हमारे सुख दुख का कारण हम स्वयं है।  तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में स्पष्ट लिखा है कोऊ न काहू-सुख दुख दाता। निजकृत भोग सब भ्राता। प्रत्येक सनातन  धर्मावलंबी को सनातन धर्म को
संरक्षित-सुरक्षित रखने के लिये भावी पीढ़ी को सनात धर्म मेंसंस्कारित करने के लिए प्रत्येक माता-पिता को अवश्य ध्यान देना चाहिए
उपस्थित रहे-:  ‌जगदीशचन्द्र सेठिया, बंशीलाल टांक, कारूलाल सोनी, मांगीलाल सोनी, मदनलाल गेहलोद, प्रवीण देवड़ा, संतोष जोशी, प्रदीप देवड़ा, शिवनारायण शर्मा, आलाजी, आर.सी. पाण्डेय, श्री गुप्ता, आर.सी. पंवार, पुरूषोत्तम गोयल, गिरीश् गौड़, हरिवंशराय गौड़, महेश गेहलोद, निरंजन गेहलोद, जगदीश गर्ग, जगदीश भावसार आदि।

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