28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा पर खण्डग्रास चन्द्रग्रहण

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28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा पर खण्डग्रास चन्द्रग्रहण
( शास्त्रोक्त-प्रामाणिक-संशयरहित)
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✍️ पं अपूर्व पौराणिक
📲9827451445
दिनांक 28-29/10/2023 शनिवार आश्विन-शुक्ल-पूर्णिमा (शरदपूर्णिमा) पर अश्विनी नक्षत्र मेष राशि पर चंद्र ग्रहण प्रारंभ होगा
खण्डग्रास चन्द्रग्रहण पूर्णतया मान्य है।
चन्द्रग्रहण प्रारंभ ( स्पर्शकाल) रात्रि 1:05 पर
चन्द्रग्रहण मध्य रात्रि 1:44 पर
चन्द्रग्रहण समाप्ति ( मोक्षकाल) रात्रि 02.24 पर
चंद्रग्रहण का कुल पर्वकाल 1घंटा 19 मिनट
शास्त्रों के अनुसार सूर्यग्रहण का सूतक चार प्रहर (12घण्टे) पूर्व और चंद्रग्रहण का सूतक तीन प्रहर (9 घंटे) पूर्व लग जाता है।
चंद्रग्रहण का सूतककाल 9 घंटे के पूर्व अर्थात सायंकाल में 4:05 पर प्रारंभ होगा।भार्गवार्चनदीपिका और ज्योतिर्निबन्ध ग्रंथ मे लिखा है।
आरनालं पयस्तक्रं दधि स्नेहाज्य पाचितम्
मणिस्योदकं चैव न दुष्येद्राहुसूतके
(निर्णयसिन्धुः)
उपरोक्त वचनानुसार दूध मट्ठा दही और घी और मणी में स्थित जल राहुदर्शन से दूषित नहीं होता है।
अतः चंद्रग्रहण के सूतककाल से लेकर मोक्ष काल तक दूध,जल और अन्य सामग्रियों में कुशा या तुलसी पत्र डालकर रखना चाहिए ताकि चंद्रग्रहण का प्रभाव ना हो।
सर्वेषामेव वर्णानां सूतकं राहुदर्शने
स्नात्वा कर्माणि कुर्वीत भृतमन्नं विवर्जयेत्
ग्रहण आरंभ के पूर्व स्नान करना चाहिए। ग्रहणकाल में जप,पाठ,हवन,अनुष्ठान करना चाहिए, और ग्रहण समाप्त होने पर वस्त्र सहित स्नान करना चाहिए।अन्न, तिल, वस्त्र स्वर्ण गौ आदि का दान करना चाहिए।ग्रहण समाप्ति के उपरांत मोक्ष स्नान करके ही सूतक समाप्त होता है।