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युवा अवस्था में धीर गंभीर होना चाहिए – संत श्री ज्ञानानंदजी महाराज

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कल होगा केशव सत्संग भवन में चार्तुमास का समापन
मन्दसौर। श्री केशव सत्संग भवन खानपुरा में चातुर्मास हेतु ज्ञानानंदजी महाराज हरिद्वार विराजित है। संतश्री द्वारा केशव सत्संग भवन में श्रीमद भागवत कथा के एकादश स्कंद का वाचन किया जा रहा है।
बुधवार को धर्म सभा में संतश्री ज्ञानानंदजी महाराज ने बताया कि व्यक्ति में जब जोश होता है तब होश की कमी होती है और जब होश मतलब अच्छे बुरे की समझ आती है तब तक जोश चला जाता है, इसलिए व्यक्ति को युवा अवस्था में धीर गंभीर रहना चाहिए ताकि वे अपने जीवन को सफल बना सकें। संतश्री ने बताया कि आज के समय में हर व्यक्ति अपने आपको ज्ञानवान समझता है जो नहीं उसकी मदद गुगल गुरू कर देता है लेकिन असली ज्ञानी या महात्मा वहीं है तो अपनी इन्द्रियों को काबू में कर सके। जिससे अपने मन और इन्द्रियो को काबू में कर लिया समझों उसने सबकुछ पा लिया।
धर्मसभा में संतश्री ने बताया कि ज्ञान एक ऐसी वस्तु है जो सिर्फ मनुष्य के पास होती है पशुओं में यह नहीं पाया जाता पशुओं को अच्छे बुरे की समझ नहीं होती लेकिन मनुष्य इन सबमें माहीर होता है इसलिए अपने ज्ञान का सदैव सद्पयोग करना चाहिए। जो समझदार होते है जो विद्वान होते है ने अपने ज्ञान से प्रभु भक्ति करते है।
धर्मसभा के अंत में भगवान की आरती उतारी गई और प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर केशव सत्संग भवन के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया, मदनलाल गेहलोत, प्रहलाद काबरा, प्रवीण देवडा, इंजि आर सी पाण्डेय, पं शंकरलाल त्रिवेदी, पं शिवनारायण शर्मा, संतोष जोशी, भगवतीलाल पिलौदिया, कन्हैयालाल रायसिंघानी, उमेश सोनी, कृष्णगोपाल सोनी, शिवशंकर सोनी सहित बडी संख्या में महिलाएं पुरूष उपस्थित थे।

कल होगा चातुर्मास का समापन
केशव सत्संग भवन के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया ने जानकारी देते हुए बताया कि केशव सत्संग भवन में चल रहे दिव्य चातुर्मास का कल 29 सितम्बर शुक्रवार को समापन होगा। जिसमें नगर की धर्मप्रेमी जनता अधिक से अधिक संख्या में पधारें।

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