मंदसौरमंदसौर जिला

संतो के सानिध्य में जिला धार्मिक उत्सव समिति का पदभार ग्रहण समारोह हुआ, कार्यसमिति घोषित

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मंदसौर। संतो के सानिध्य में नरसिंहपुरा स्थित महाराजा अग्रसेन मांगलिक भवन में रविवार को जिला धार्मिक उत्सव समिति का पदभार ग्रहण समारोह आयोजि हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत भगवान पशुपतिनाथ के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित कर की गई। तत्पश्चात जिला धार्मिक उत्सव समिति के जिला अध्यक्ष सुभाष गुप्ता, संयोजक वरदीचंद कुमावत व निवृतमान अध्यक्ष गोपाल राजावत ने कार्यक्रम में पधारे मंचासीन संत 1008 महामण्डलेश्वर श्री ज्ञानदास जी महाराज उज्जैन, तीन छत्री बालाजी के संत श्री मंहत रामकिशोरदास जी महाराज, पंडित श्री विष्णु जी शर्मा रठाना वाले, किन्नर गुरू अनिता दीदी, गुरूदेव राजेश जी शर्मा का हार फुल माला सहित शाल श्रीफल भंेटकर स्वागत किया।
संत श्री महामण्डलेश्वर ज्ञानदास महाराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सभी जीवों के कल्याण में मानव मात्र का कल्याण निहित है। संत महात्माओं के चिंतन को आगे बढ़ाएं और उनके सेवा संकल्पों से समाज को लाभान्वित करें। मनुष्य बनने का अर्थ मानवीय मूल्यों से ओत प्रोत व्यक्तित्व है। सभी जीवों के कल्याण में मानव मात्र का कल्याण निहित है यही सनातन है। जिला धार्मिक उत्सव समिति से जुड़कर सभी को एकजुट होेकर कार्य करना है। इस अवसर पर पर मंहत श्री रामकिशोरदास महाराज, पंडित विष्णु शर्मा रठाना वाले ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
जिला धार्मिक उत्सव समिति ने सर्वसम्मति से 6 प्रस्ताव कार्यक्रम के दौरान रखे। इन प्रस्तावो में जिला धार्मिक उत्सव समिति के साथ मिलकर समस्त धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनो में सहर्ष अपनी स्वीकृति के लिए प्रस्ताव विनोद मेहता ने रखा। दूसरा प्रस्ताव दशपुर नगर में सनातन धर्म के ग्रन्थों का पुस्तालय स्थापित करने का वरदीचंद कुमावत ने रखा। तीसरा प्रस्वात दीपोत्सव के बाद दीपावली मिलन समारोह एवं अन्नकूट महोत्सव सभी समाज एक साथ मिलकर करने का रूपनारायण मोदी ने रखा। चैथा प्रस्ताव वर्ष में एक मंदिर का जिर्णाधार सभी मिलकर करने का विनोेद जाट ने रखा। पांचवा प्रस्वात जिला धार्मिक उत्सव समिति व सर्व समाज मिलकर साल में एक बार निःशुल्क कन्या विवाह आयोजन करने का नरेश परमार ने रखा व छटा प्रस्ताव वर्ष में एक बार नगर धार्मिक अनुष्ठान किया जाए जिसमे सनातन धर्म की पताका लहराएं यह प्रस्वात नेमीचंद राठौर ने रखा है। सभी प्रस्वाओं पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्यजनों ने ओम का उच्चारण कर सहमति जताई है।
कार्यक्रम में जिला धार्मिक उत्सव समिति के अध्यक्ष पद के रूप में सुभाष गुप्ता, संयोजक वर्दीचंद कुमावत ने संतो का आशीर्वाद प्राप्त कर पदभार ग्रहण किया। समिति में वरिष्ठ मार्गदर्शक मण्डल में गुरूचरण बग्गा, दृष्टानंद नेनवानी, राजाराम तंवर, सुरजमल गर्ग, धनश्याम बटवाल, मोहनहसिंह राजावत, नेमीचंद राठौर, बंशीलाल टांक, विजय सुराणा, ब्रजेश जोशी, शुन्त्रुजय सोनी, अनिल कियावत, अर्जुन डाबर व संरक्षक में कन्हैयालाल सोनगरा, क्षितिज पुरोहित, गोपालसिंह राजावत, हरिराव जादव, सत्यनाराण मोरी, नरेन्द्रसिंह चैहान, मनोज सांखला। संस्थापक संयोजक- विनय दुबेला, विनोद मेहता। उपाध्यक्ष अशोक पालीवाल, नरेश परमार, विनोद जाट, राजेन्द्र चाष्टा, घनश्याम सोनी, नटवर पारिख, महेश भावसार, नन्दकिशोर राठौर। सचिव- प्रदीप सोनी, महेश वैष्णव, राजेश चैहान, भोला दीवान। सह सचिव- राजु कुमावत, हरिओम सुराह, महेन्द्र सिसोदिया, सागर सोनी, हरिश साल्वी, भगवानदास मगवानी, सुरेश देवडा। कोषाध्यक्ष सुनिल पोरवाल, ओम सेठिया छत्रीवाला, नरेन्द्र त्रिवेदी, प्रदीप गुप्ता, महेश सोलंकी, राजेश शुक्ला। मिडिया प्रभारी- ओम कुमावत, मुकेश आर्य, सुरेश भावसार, रवी ग्वाला, प्रहलाद शर्मा, नरेन्द्र पवार, राकेश भाटी व अंकित बैरागी आदि को समिति ने दायित्व सौंपा है।
इस मौके पर अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि जिस प्रकार से समाज ने मुझे अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है उसे मैं बखूबी निभाऊंगा और सारे समाज को एक साथ लेकर चलूंगा। इसके साथ ही समाज में होने वाले सभी धार्मिक कार्यों में समाज के साथ मिलकर सभी कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से संपन्ना कराने के लिए तत्पर रहूंगा। हिंदू समाज के स्वाभिमान पर आंच नहीं आने दूंगा। कार्यक्रम का सफल संचालन कन्हैयालाल सोनगरा ने किया है।

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