गरोठ भानपुरा विधानसभा क्षेत्र चुनावी सरगर्मियां तेज,चंबल के दो शेरों में हो सकता है, विधानसभा चुनाव में खेला

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भाजपा से धाकड़ , वीरेंद्र यादव, नारायण सिंह सिसोदिया, तो कांग्रेस से सुभाष सोजतिया, त्रिलोक पाटीदार,प्रमुख दावेदार
गरोठ– गरोठ भानपुरा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई, विभिन्न राजनीतिक दलों में उम्मीदवारी के लिए बैठको रायशुमारी का दौर शुरू हो चुका है। गरोठ भानपुरा विधानसभा क्षेत्र पूरे प्रदेश में हाईप्रोफाइल सीट मानी गई है, और सभी कि निगाहें इस सीट पर रहती है। गरोठ भानपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक देवीलाल धाकड़ द्वारा पेश रिपोर्ट कार्ड में क्षेत्र में किए गए करोड़ों रुपए के विकास कार्य का बखूबी किया गया है, बड़ी बड़ी योजनाओं का शुभारंभ भी किया गया। मगर अपवाद स्वरूप आमजनों से पहले संवाद नहीं किया जाना, साथ ही जमीनी कार्यकर्ताओं कि लगातार उपेक्षा होना सहित कई बिन्दु उभर कर सामने आये हैं,इन सबके साथ एक अन्य दावेदार का नाम भी उभर कर सामने आ रहा है, जिसने अपनी चाणक्य नीति से सन 1999 में कांग्रेस शासन काल जिला पंचायत चुनाव में 8-8 जिला पंचायत सदस्य में से एक सदस्य गायब हो जाने से चुनाव में वाक ओवर स्थिति में सदस्य को वापस लाकर गोटी सिस्टम से अपने अनुज राजेश यादव को जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनवाने में अहम भूमिका निभाई।वो शख्सियत वीरेंद्र कुमार यादव, हैं,
जिन्होंने हमेशा राजनीति में पर्दे के पीछे रहकर किंगमेकर कि भुमिका निभाई है। सन 1999 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता सुभाष सोजतिया के सामने कोई मजबूत उम्मीदवार के लिए मंथन चल रहा था,उस समय भी वीरेन्द्र कुमार यादव ने अपने अनुभव और चुनावी मैनेजमेंट से अनुज राजेश यादव को टिकट दिलवाकर 12,000 वोटो से विजय श्री दिलवाई।
इसी के साथ, नारायण सिंह सिसोदिया मंगलम पूर्व विधायक चंद्ररसिंह सिसोदिया, पूर्व नपं अध्यक्ष राजेश चौधरी, जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि श्याम सिंह चौहान, नगर परिषद अध्यक्ष राजेश सैठिया, चन्द्र प्रकाश पंडा खड़ावदा भाजपा मंडल अध्यक्ष, भी दावेदारो कि दौड़ में शामिल हैं।
कांग्रेस पार्टी कि बात कि जाए तो पूर्व केबिनेट मंत्री सुभाष सोजतिया का नाम दावेदारों कि हिट लिस्ट में नाम है, कांग्रेस शासन काल में क्षेत्र में विकास कार्य और अनगिनत उपलब्धियों के चलते पहले पायदान पर है। अन्य दावेदारों में त्रिलोक पाटीदार, दुर्गेश पटेल,दुले सिंह चौहान भी अपनी दावेदारी जताने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं।
अब देखना है कि इस चुनावी समर में राजनैतिक दल किस दावेदार पर विश्वास जताकर मैदान में उतारती है,यह देखने वाली बात होगी —?