दलौदामंदसौर जिला

ग्राम सभा की बैठक में कुचड़ोद को टप्पा बनाने एवं राष्ट्रीय कृत बैंक खोलने का प्रस्ताव पास किया

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गांव में 7792 की जनसंख्या। आसपास के गांव मिलाकर 25 से 30 हजार की जन संख्या हे।

20 साल पहले गांव में पंजाब नेशनल बैंक शाखा थी।

ग्रामीणों ने कहा: छात्रवृत्ति, पेंशन, लाडली बहना योजना सम्मान निधि राशि के लिए 20 से 40 किलोमीटर दूर जाना पड़ता। जब बैंकों का उपयोग नहीं था। तब गांव में बैंक थी। अब हर काम बैंकिंग सिस्टम से। फिर राष्ट्रीय कृत बैंक क्यों नहीं?

कुचड़ौद । (दिनेश हाबरिया) गांव में बुधवार को ग्राम सभा की बैठक हुई जिसमें गलियों में आरसीसी, समय से नल नहीं आने, नालीयों की सफाई, आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 6 के पास गंदगी हटाने, सहित अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। ग्राम पंचायत सरपंच सचिव ने समस्याओं पर जल्द निराकरण की बात कही। लाडली बहना योजना में वंचित महिलाओं के आवेदन जल्द पूरा करने, सहित अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। लाडली बहना योजना में 21 से 23 वर्ष की 11 एवं 23 से 60 वर्ष की 22 महिलाओं के आवेदन होना शेष हे। आवेदन की अंतिम तिथि 20 अगस्त है।

वही गांव में पहली बार बड़े मुद्दों को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए। जिसमें गांव में टप्पा खोलने एवं राष्ट्रीय कृत बैंक खोलने के प्रस्ताव पारित किए गए।
कुचड़ौद मंदसौर तहसील का सबसे बड़ा गांव होने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए शहरों में जाना पड़ता। वर्तमान में धुंधडका को टप्पा से तहसील का दर्जा मिलने के बाद सबसे बड़ा गांव एवं आसपास के गांव का केंद्र होने से टप्पा खोलने की मांग का प्रस्ताव ग्राम सभा में पास किया। 7792 की जनसंख्या के साथ कुचड़ोद आसपास के 18 गांव का सेंटर है जिनकी संख्या करीब 25 से 30, हजार है।
किसानों, ग्रामीणों एवं अंचल के ग्राम वासियों को कुचड़ोद में टप्पा होने से समय की बचत के साथ नामांतरण बटवारा बटांकन सहित सारे कार्य गांव में ही हो जाएंगे। इसके लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया। ग्रामीणों ने कहा धुंधडका को टप्पा से तहसील का दर्जा मिल गया तो कुचड़ोद सबसे बड़ा गांव एवं अंचल के गांव का केंद्र होने से यहां टप्पा होना चाहिए।

राष्ट्रीय कृत बैंक खोलने का प्रस्ताव भी पास हुआ। 20 साल पहले गांव में राष्ट्रीयकृत पंजाब नेशनल बैंक की शाखा थी।

वर्तमान में शासन की सारी योजनाओं का पैसा बैंकों के माध्यम से ही आने लगा। वही छात्रवृत्ति, विधवा, वृद्धा, दिव्यांग पेंशन, लाडली बहना योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि, मुख्यमंत्री सम्मान निधि, प्रसूति सहायता राशि सहित सभी तरह की सहायता, बैंकों के माध्यम से ही मिलने लगी। कुचड़ौद मंदसौर विकासखंड तहसील का सबसे बड़ा गांव होने के बाद भी यह राष्ट्रीय कृत बैंक की सुविधा गांव में नहीं है।
20 वर्ष पूर्व गांव में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा थी। वह बंद हो गई। ग्रामीण शेरू शाह, राहुल, कन्हैयालाल, घनश्याम परमार राजु सहित ग्रामीणों ने बताया शासन की सभी योजनाओं का पैसा, जैसे स्कूली विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, विधवा, वृद्धा, दिव्यांग पेंशन, लाडली बहना योजना, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री सम्मान निधि, सहित सारी योजनाओं का पैसा राष्ट्रीयकृत बैंकों में ही आ रहा। सबसे बड़ा गांव होने के बाद भी राष्ट्रीय कृत बैंक नहीं होने से, गांव से 20 किलोमीटर दूर दलोदा सीतामऊ या 40 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है।
राष्ट्रीय कृत बैंक गांव में ही खुलने से ग्रामीणों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। गांव की आबादी भी 7750 से ज्यादा एवं आसपास के सेमलिया काजी, सातल खेड़ा, सीहोर, रड़मा खेड़ी, भावता, लाऊ खेड़ी, अरनिया गुर्जर, भावता, झावल, झांकेड़ा, टांकेड़ा, रातीखेड़ी, खजूरी आंजना, जोगी खेड़ा, भाट पिपलिया, भोलिया, डांसिया, रानीखेड़ी, कटक्या सहित गांव लगते हैं। इनमें प्राथमिक, माध्यमिक एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के हजारों विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। इन गांवों की जनसंख्या करीब 25 से 30000 हैं। फिर भी गांव में राष्ट्रीयकृत बैंक नहीं है।
20 वर्ष पूर्व जब बैंकों की किसी को जरूरत नहीं थी। तब गांव में राष्ट्रीय कृत पंजाब नेशनल बैंक की शाखा थी। अब जब शासन की सारी योजनाओं का पैसा बैंकों के माध्यम से ही प्राप्त हो रहा। इस समय गांव में बैंक नहीं होने से ग्रामीणों एवं अंचल के ग्राम के ग्रामीणों, किसानों, महिलाओं, विद्यार्थियों को शासन योजना का पैसा निकालने के लिए 20 से 40 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। इनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों ने ग्राम सभा की बैठक में राष्ट्रीयकृत बैंक खोलने का प्रस्ताव पास किया। एवं शासन से मांग की कि गांव में राष्ट्रीयकृत बैंक खोली जाए।
ग्राम सभा के दौरान सरपंच कारूलाल भील, उपसरपंच बिहारी गोयल सचिव प्रहलाद वर्मा, सहायक सचिव बाबूलाल पाटीदार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अर्चना सोनी, श्यामा जैन, रीना जैन, संतोष सोनी, मंजू मालवीय, कृष्णा सूर्यवंशी एवं सहायिका व ग्रामीण उपस्थित रहे।

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