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अविश्वास प्रस्ताव पर अब INDIA गठबंधन को विपक्ष से ही लगा झटका

अविश्वास प्रस्ताव पर अब INDIA गठबंधन को विपक्ष से ही लगा झटका

 

 

दिल्ली:–

 

मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’लगातार सरकार को घेरने में जुटा है. लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया है. हालांकि, अब INDIA गठबंधन को विपक्ष से ही झटका लगा है. दरअसल, आंध्र की सत्ताधारी पार्टी YSRCP ने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है. इतना ही नहीं दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर भी जगनमोहन रेड्डी की पार्टी मोदी सरकार को समर्थन देगी. YSRCP उन पार्टियों में शामिल है, जो अभी तक न ‘INDIA’ गठबंधन में शामिल हुए हैं और न ही NDA की मीटिंग में पहुंचे थे.

YSRCP का ये फैसला INDIA गठबंधन के लिए बड़ा झटका इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि अभी तक जगन ने NDA और ‘INDIA’ दोनों से दूरी बनाकर रखी थी. हालांकि, लंबे वक्त से बीजेपी और YSRCP के पास आने की अटकलें जरूर लगाई जा रही हैं. इतना ही नहीं कई मुद्दों पर पार्टी सदन के अंदर और बाहर मोदी सरकार का समर्थन करती रही है. हाल ही में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भी रेड्डी की पार्टी शामिल हुई थी.

लोकसभा में मोदी सरकार बहुमत में है. बीजेपी के पास 301 सांसद हैं. एनडीए के पास 333 सांसद हैं. वहीं पूरे विपक्ष के पास कुल 142 सांसद हैं. सबसे ज्यादा 50 सांसद कांग्रेस के हैं. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ YSRCP का NDA को समर्थन ज्यादा मायने नहीं रखता है. हालांकि 2024 चुनाव के नजरिए से यह NDA के लिए काफी अहम साबित हो सकता है.

वहीं, राज्यसभा की बात करें तो कुल 238 सांसद हैं. इनमें से एनडीए गठबंधन के पास 105 सांसद हैं. जबकि I.N.D.I.A गठबंधन के पास 93 सांसद हैं. ऐसे में अगर बीजेपी दिल्ली अध्यादेश पर बिल लाती है, तो उसे समर्थन के लिए 15 और सांसदों की जरूरत है. ऐसे में YSRCP के 9 सांसद इस अंतर को कम करने में काफी अहम हैं.

जगन मोहन रेड्डी के पिता राजशेखर रेड्डी कांग्रेस से आंध्रप्रदेश के सीएम थे. 2009 में उनकी मौत के बाद कांग्रेस ने जगन को सीएम बनाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस छोड़ दी और अपनी नई पार्टी का गठन किया. YSRCP ने आंध्रप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सरकार बनाई. 2019 लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने राज्य की 25 में से 22 सीटों पर जीत हासिल की.

रेड्डी की राजनीति काफी हद तक ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मेल खाली है. वे अन्य नेताओं से बिल्कुल विपरीत व्यक्तिगत हमलों से बचते हैं. इतना ही नहीं उनका फोकस राज्य के मुद्दों को उठाने तक सीमित रहता है. ऐसे में रेड्डी चुनाव नतीजों तक दोनों गठबंधनों से दूरी बनाकर रखना चाहते हैं, ताकि नतीजों के बाद के विकल्प खुले रहें.

2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश में जुटे हैं. इसी क्रम में बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक हुई थी. इस बैठक में 26 दल शामिल हुए थे. इन 26 दलों ने गठबंधन कर उसका नाम I.N.D.I.A यानी इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस रखा है. इस गठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट), सीपीआई, सीपीआईएम, जदयू, डीएमके, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, आरएलडी, सीपीआई (ML), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (M), मनीथानेया मक्कल काची (MMK), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केरला कांग्रेस, केएमडीके, एआईएफबी, अपना दल कमेरावादी शामिल हैं.

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