पद्मभूषण से सम्मानित पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान का 77 वा मनाई गई जयंती

पद्मभूषण से सम्मानित पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान का 77 वा मनाई गई जयंती।
राजनीति के लिए छोड़ दी थी बिहार पुलिस की नौकरी :– सोनू सिंह
बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता
पद्मभूषण से सम्मानित पूर्व केंद्रीय मंत्री पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय रामविलास पासवान का 77 वा जन्मदिवस औरंगाबाद शहर के आईएमए हॉल में मनाया गया।
जिसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अनूप कुमार ठाकुर एवं संचालन जिला प्रवक्ता रोहित कुमार सिंह ने किया.
लोजपा (R) संसदीय बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्र भूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह ने कहां की:–
रामविलास पासवान एक एकमात्र ऐसे केंद्रीय मंत्री थे जिन्होंने छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया था. 2014 में मोदी सरकार में शामिल होने से पहले पासवान ने वीपी सिंह, एचडी देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकार में काम किया था. वह पहली और दूसरी मोदी सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री बने थे.
पासवान 9 बार लोकसभा सांसद और 2 बार राज्यसभा सांसद रहे थे. राजनीतिक करियर की शुरुआत उन्होंने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य के रूप में की थी और 1969 में बिहार विधानसभा के लिए चुने गए थे. लोक दल का गठन होने पर पासवान में इसमें शामिल हो गए थे और पार्टी में महासचिव बनाए गए थे.
देश में इमरजेंसी का विरोध करने वाले नेताओं में पासवान भी शामिल थे और उन्हें जेल जाना पड़ा था. 1977 वह पहली बार हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से जनता पार्टी के सदस्य के रूप में लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद वह 1980, 1989, 1991 (रोसड़ा), 1996, 1998, 1999, 2004 और 2014 में फिर से सांसद चुने गए थे.
2000 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया और इसके प्रमुख बने. 2004 में वह यूपीए सरकार में शामिल हो गए थे और रसायन और उर्वरक मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री बने. 2021 में रामविलास पासवान को मरणोपरांत भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
राजनीति के लिए छोड़ दी थी बिहार पुलिस की नौकरी :– सोनू सिंह
रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी में रहने वाले एक परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम जामुन पासवान और माता का नाम सिया देवी है. ‘पासवान’ शब्द का अर्थ अंगरक्षक या प्रहरी के तौर पर बताया जाता है.
पासवान ने कानून में ग्रेजुएशन किया था. बाद में उन्होंने एमए की डिग्री भी हासिल की थी. 1969 में बिहार पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के तौर पर उनका चयन हो गया था. उसी वर्ष संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर वह पहली बार विधायक बने थे.
खुद बन गए ‘सरकार’ :–सोनू सिंह
अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत के बारे में रामविलास पासवान ने एक बार दिलचस्प जिक्र किया था. उन्होंने बताया था, ”1969 में मेरा पुलिस और विधानसभा, दोनों में एक साथ सिलेक्शन हुआ. तब मेरे एक मित्र ने पूछा कि बताओ सरकार बनना है या सर्वेंट? तब मैंने राजनीति चुन ली.” 8 अक्टूबर 2020 को लंबी बीमारी के बाद 74 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था.
कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश उपाध्यक्ष एवं औरंगाबाद जिला के प्रभारी राकेश कुमार सिंह उर्फ गबरू सिंह ने कहा कि बड़े साहब एक महानायक थे। बड़े साहब का कार्य हमलोग के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके बिचारो को अपने जीवन में अमल करने की जरूरत है।
प्रदेश महा सचिव सह जिला सह प्रभारी दसरथ पासवान ने कहा की स्वर्गीय पासवान ने अपने जीवन काल में एक ही नहीं अनेकों इतिहासो को रच कर पूरे देश की सेवा किए हुए है ।आज हम लोगों के बीच में नहीं हैं उनकी कमी हम लोगों को महसूस हो रही है।
कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष सह औरंगाबाद जिला प्रभारी राकेश कुमार सिंह,प्रदेश महासचिव सह प्रभारी दसरथ पासवान, संसदीय बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह, संगठन सह मंत्री प्रदेश प्रवक्ता कुमार सौरभ सिंह, प्रदेश सचिव विजय कुमार यादव, प्रदेश महासचिव सरूण पासवान , प्रदेश सचिव विजय अकेला,युवा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अभिषेक कुमार सिंह,महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष रंजू वर्मा,रफीगंज के प्रखंड अध्यक्ष राजेश कुमार,नबीनगर प्रखंड अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह,औरंगाबाद प्रखंड अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह,ओबरा प्रखंड अध्यक्ष अशोक पासवान,हसपुरा प्रखंड अध्यक्ष गंगा दयाल,कुटुंब प्रखंड अध्यक्ष नंदलाल पासवान, चिकित्सा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष रामबिलाश पासवान,नबीनगर महिला सेल के प्रखंड अध्यक्ष मनीता देवी,सरमिला ,किरण,संजू, स्वेता,उषा, जिला उपाध्यक्ष सुरेश पासवान, आईटी सेल के जिला अध्यक्ष बबलू कुमार, पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष बृजमोहन सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष एससी एसटी प्रकोष्ठ महेंद्र पासवान उपस्थित थे.