निकृष्टता से उत्कृष्टता की ओर बढ़ना देवीय गुण हैं- शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज
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राष्ट्रभक्ति के बिना मनुष्य का कोई महत्व नहीं-श्री पारस जैन
मल्हारगढ़ ।ज्ञान नित्य चिंतन सेऔर मान परोपकार से बढ़ता है ।त्याग तपस्या सुख और शांति सत्कर्म करने से प्राप्त होते है। भोजन कराकर भोजन करना और बांटना देवीय गुण है । धन का पांचवा भाग राष्ट्र के लिए खर्च करना चाहिए ।भक्ति का पहला अर्थ सेवा है ,श्रम के बदले कुछ ना चाहने से श्रम पुन्य बन जाता है कुछ ना होने पर भी जो दान करता है वह देवी गुण पाता है और देवी गुण से राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत होती है ।उक्त विचार जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री ज्ञानानंद जी तीर्थ ने राष्ट्रभक्त एवं इमानदार जनप्रतिनिधि स्वर्गीय श्री शांतिलाल जी जैन कि स्मृति में पंच प्यारे समूह द्वारा आयोजित प्रवचन माला के प्रथम दिन देवीय के गुण एवं मानवीय जीवन की सफलता विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए ।
जगतगुरु शंकराचार्य वेद दर्शन, उपनिषद, गीता और श्रीमद्भागवत के विभिन्न श्लोकों का सस्वर उच्चारण करते हुए कहा कि जवानी में तप करना ,शक्तिशाली होने पर क्षमा करना, ज्ञानी होने पर झूठ न बोलना, वाणी के चारों दोष से बचते हुए मधुर वचन बोलना देवीय गुण हैं। कर्म की पांच धाराएं होती है वही कर्म सार्थक है जो राष्ट्र हित में हो ,श्रेष्ठता वही सार्थक है जो शत्रुता को मिटा दे ।
विशेष अतिथि पारस जैन ने कहा कि व्यक्ति अच्छे कार्यों से पूजा जाता है । कीर्ति से व्यक्ति अमर हो जाता है ।स्वर्गीय श्री शांतिलाल जी जैन संत स्वभाव के साधारण व्यक्ति थे उनके पास धन दौलत नहीं अपितु इमानदारी समझदारी और देशभक्ति का भंडार था ।इसी कारण उनकी स्मृति में पंच प्यारे प्रतिवर्ष व्याख्यान का आयोजन करता है ।हमारे समाज में धन व पद कि नहीं अपितु त्याग की पूजा होती है ।
अध्यक्षता करते हुए श्रीमती शर्मिला प्रकाश कच्छावा ने कहा कि आज हमारा देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है लव जिहाद और मताअंतरण जैसे अनेक समस्याएं लगातार बढ़ रही है। इस प्रकार के आयोजन से समाज में चेतना जागृत होती है ।समारोह को शिक्षा विद महेश विजयवर्गीय और पंच प्यारे के प्रधान श्री मांगीलाल भाना ने भी संबोधित किया।
समारोह के मुख्य अतिथि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री ज्ञानानंद जी तीर्थ ,विशेष अतिथि के रूप में जे के लक्ष्मी सीमेंट के व्यावसायिक साझेदार व समाजसेवी पारस जैन उपस्थित थे ।अध्यक्षता नगर परिषद मल्हारगढ़ की अध्यक्ष श्रीमती शर्मिला प्रकाश कच्छावा ने की ।
अतिथियों स्वागत रमेश चंद्र विजयवर्गीय, डॉ विष्णु सेन, कछावा, नाथू लाल साहू ,धर्मेंद्र गहलोत, रामेश्वर उस्ताद ,पत्रकार प्रकाश माली, अशोक विजयवर्गीय , प्रताप सिंह सोलंकी, मनोहर भाटी ,सत्येंद्र पाटीदार, राधेश्याम बैरागी, मोहन सेन कछावा, दरबार सिंह महेश बैरागी, नितिन शर्मा सहित अनेक नागरिकों ने किया ।कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी ओम प्रकाश बटवाल ने तथा आभार अभिभाषक चांदमल राठौड़ ने माना।