मंदसौरमंदसौर जिला
प्रेमचन्द का साहित्य इंसानियत का पैग़ाम देता है,वह आज भी समाज को प्रेरित करता है

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छात्राओं के बीच प्रेमचंद परसाई पर आयोजन
मंदसौर। प्रेमचन्द का साहित्य इंसानियत का पैग़ाम देता है,वह आज भी समाज को प्रेरित करता है।
ये विचार प्रगतिशील लेखक संघ मंदसौर इकाई के उपाध्यक्ष प्रकाश गुप्ता ने व्यक्त किए।वे प्रेमचन्द जयंती एवं हरिशंकर परसाई जन्मशताब्दी के अवसर पर महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं एवं स्टाफ़ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रेमचन्द ने अपनी कहानियों में समाज के सभी वर्गों को लिया है, उनमें सामाजिक कुरीतियों के साथ यथार्थ का उल्लेख है। श्री गुप्ता ने कहा कि हरिशंकर परसाई ने अपनी क़लम के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करने का साहसिक कार्य किया।
प्रलेसं प्रगतिशील लेखक संघ सचिव मण्डल सदस्य असअद अन्सारी ने कहा कि प्रेमचन्द का साहित्य वर्तमान दौर में समाज की आवश्यकता है,उनके साहित्य में सामाजिक विसंगतियों के अतिरिक्त सर्वहारा वर्ग की पीड़ा उभर कर सामने आई है। परसाई के आलेख भीड़ तंत्र… पर टिप्पणी करते हुवे श्री अन्सारी ने कहा कि बेरोज़गार युवक – युवतियों का उपयोग शासकों द्वारा अपनी सत्ता के हितों के लिए किया जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुवे संस्था प्राचार्य सुरेंद्र दवे ने कहा कि छात्राओं को सोशल मीडिया के अतिरिक्त पुस्तकों को पढ़ना चाहिए और प्रेमचन्द तथा परसाई के साहित्य का गम्भीरता पूर्वक अध्य्यन कर अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए।प्र.ले.सं. के कोषाध्यक्ष एडवोकेट एम. यू .अन्सारी ने प्रेमचन्द की कहानियों ईदगाह और नशा का सार संक्षेप प्रस्तुत करते हुवे प्रेमचन्द को क्रांतिकारी क़लमकार निरूपित किया।
इस अवसर पर छात्राओं के लिए प्रेमचंद और परसाई साहित्य आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किया गया।छात्राओं मंजू गुर्जर ,नेहा सोमानी,पायल गौड़,दिशा खत्री,टीना,रक्षिता पंवार,प्रियांशी चौहान, माया,पूजा मौर्य, कुमकुम गहलोत,खेरून्निसा, अंजली गुर्जर को पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शिक्षकों किरण परमार,भारती सर,शशिकला मेमोरिया, कुंदन सांखला,प्रतिभा भटनागर,मनीष गुप्ता, सुनीता शर्मा ने भी सहभागिता की। संचालन सचिव दिनेश बसेर व असअद अन्सारी ने किया।