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 पुरानी पेंशन सत्याग्रह रथ यात्रा का औरंगाबाद में हुआ जोरदार स्वागत

 पुरानी पेंशन सत्याग्रह रथ यात्रा का औरंगाबाद में हुआ जोरदार स्वागत।

 

 

बिहार औरंगाबाद से धर्मेंद्र गुप्ता

 

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के बैनर तले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए राज्यव्यापी आंदोलन के तहत बिहार के ऐतिहासिक स्थल पूर्वी चंपारण से एक जून से चली सत्याग्रह यात्रा रथ रविवार को जिले के दानी बिगहा बस स्टैंड पर पहुंची।

 

जहां मूवमेंट के कार्यकारी अध्यक्ष सह जिला प्रवक्ता सैयद मोहम्मद दायम ,परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के सचिव कुंदन कुमार ठाकुर , अनिल सिंह, श्रवण कुमार, सईदा खातून, यमुना राम, कर्मी रियाजुद्दीन, हेमंत कुमार, महासंघ गोप गुट के अध्यक्ष सत्यनारायण कुमार, आनंद कुमार, महेंद्र कुमार सहित सैकड़ों शिक्षक एवं कर्मचारियों ने सत्याग्रह यात्रा रथ के नेतृत्वकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष बिनोद बंधु तथा साथ चल रहे अतिथियों का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया।

 

मुख्य वक्ता सह नेतृत्वकर्ता बिनोद बंधु ने उपस्थित शिक्षकों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब शांत बैठे रहने का समय नहीं है। हम सब शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर निजीकरण तथा नई पेंशन योजना का विरोध करना है। एक कर्मचारी अपना जीवन का बहुमूल्य समय सरकारी कार्यों को पूरा करने में लगा देता है परंतु सेवानिवृति के पश्चात नई पेंशन योजना के तहत उनके हाथ में कुछ भी नही होता है। परिवार की आशाएं तथा वृद्धावस्था का सहारा ही उनसे सरकार छीन ली है। इसलिए सभी लोग अब एक जुट हो कर पुरानी पेंशन बहाल करने तथा निजीकरण की समाप्त करने हेतु सरकार पर दबाव बनाएंगे । बंधु ने कहा कि जो हमारा काम करेगा वही हम पर राज करेगा। देश के पांच राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू कर दिया है। बिहार के वर्तमान उप मुख्यमंत्री ने सरकार में शामिल होने के पहले वादा किया था के पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू करेंगे परंतु अब अपने वादे से मुकर गए हैं और चुप्पी साधे हुए हैं। यह दोहरी नीति अब नही चलेगी। केंद्र सरकार और बिहार सरकार को पुरानी पेंशन योजना लागू करना ही पड़ेगा। हम सब एकजुट हो कर अक्टूबर महीने से एक लंबा आंदोलन शुरू करेंगे जो मांग पूरी होने तक जारी रहेगी। इस अवसर पर मोहम्मद जुबैर, प्रमोद सिंह, लक्ष्मी प्रसाद, मोहम्मद रेयाजुद्दीन , सुनील कुमार, मकेंद्र कुमार, यमुना राम, वीना कुमारी , सईदा खातून, कुंदन कुमार , प्रवेज आलम, वीरेंद्र कुमार, रंगकर्मी सह सामाजिक कार्यकर्ता आफताब राणा, बाबर अली सहित कई समाहरणालय कर्मी मौजूद थें।

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