देशआलेख/ विचारछत्तीसगढ़

कोयला घोटाला, शराब घोटाला के बाद भूपेश बघेल का पीएससी घोटाला

******************************

प्रदेश के नौजवाओं के सपने बेच दिये भूपेश सरकार ने

छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा को भी भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया भूपेश सरकार ने

विजया पाठक, संपादक

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। बीते साढ़े चार साल से राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यशैली से परेशान प्रदेश की जनता ने अब खुलकर बघेल सरकार का विरोध शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि इस बार प्रदेश की जनता का गुस्सा सरकार के भ्रष्टाचार के लिये नहीं बल्कि हाल ही में जारी हुए छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा के परिणाम में हुए घपलेबाजी को लेकर फूट पड़ा है। प्रदेश की जनता के गुस्से का गुबार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही नहीं बल्कि प्रदेश सरकार के प्रशासनिक तंत्र पर भी फूटा है। दरअसल आगामी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भूपेश बघेल सरकार ने राज्य की प्रतिष्ठित प्रशासनिक सेवा की ली जाने वाली परीक्षा में बड़ी धांधली कर अपने चहेतों के बच्चों और उनके परिचितों को पास कर बड़ी रैंक दिलवा दी है। जबकि जो युवा सालों से प्रशासनिक सेवा में जाने के लिये मेहनत कर रहे थे, परिश्रम कर रहे थे, बघेल सरकार ने उनकी मेहनत और परिश्रम को भ्रष्टाचार के तराजू में तोलकर उन्हें कमजोर बता दिया। भूपेश बघेल के प्रति युवाओं की नाराजगी इस हद तक पहुंच गई है कि कई युवा तो आत्महत्या तक करने की धमकी दे रहे हैं। राज्य के अंदर बघेल सरकार के घपेलाबाजी के कारण एक भी युवा आत्महत्या कर लेता तो यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ के माथे पर कभी न मिटने वाला कलंक बन जायेगा।

छत्तीसगढ़ पीएससी के अध्यक्ष भी घेरे में-

बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने अपना कार्यकाल पूरा होने के पहले अपने परिवार के कई सदस्यों को प्रमुख पदों पर नियुक्ति दिलवाने की साजिश रची। इसमें उन्होंने अपने दत्तक पुत्र नितेश को डिप्टी कलेक्टर, भतीजे साहिल को डीएसपी, भांजी सुनीता जोशी को श्रम पदाधिकारी के पद पर नियुक्ति दिलवाई है। यह तो सिर्फ एक अधिकारी का नाम सामने आया है। ऐसे राज्य में न जाने कितने अधिकारी और नेता हैं जिन्होंने घपलेबाजी कर इस परीक्षा की विश्वसनीयता को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है।

डिप्टी कलेक्टर तक को घपलेबाजी कर बनवाया-

सूत्रों के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री के करीबी लोगों में से कईयों ने अपने परिचितों और बेटा-बेटियों को प्रतिष्ठित पदों पर नियुक्ति दिलवाने का घिनौना कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि तथाकथित एक अधिकारी जिन्होंने रिटायरमेंट के पहले अधिकारियों से सांठ-गांठ करके अपने बच्चों को डिप्टी कलेक्टर बनवा दिया है। इन अधिकारियों के इस कदम ने प्रदेश के कई होनहार नौजवानों के ऊंची उड़ान के सपनों के पर काट दिये।

परीक्षा के अध्यक्ष के साथ की जबरदस्त सांठ-गांठ-

बताया जा रहा है कि राज्य सेवा की इस परीक्षा में अपनों को उच्च पदों पर बैठाने के लिये प्रदेश कांग्रेस पार्टी के नेता, डीआईजी, राज्यपाल के सचिव सहित अन्य अधिकारियों ने अपने आयोग्य बच्चों को टामन सिंह सोनवानी के साथ मिलकर सांठगांठ कर उच्च पदों पर बैठाने में मुख्य भूमिका निभाई है। सूत्रों के अनुसार सोनवानी ने इस कार्य के लिये सभी वरिष्ठ अधिकारियों से करोडो़ं रुपये लिये और इसका एक बड़ा हिस्सा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास तक पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि भ्रष्टाचार के इन रूपयों का हिसाब खुद मुख्यमंत्री बघेल ने अपने करीबियों के साथ मिलकर किया।

भाजपा नेता उतरे विरोध में-

भूपेश बघेल सरकार द्वारा किये गये भ्रष्टाचारों की सूची में पीएससी घोटाला भी शामिल हो गया है। युवाओं के साथ हुए इस अन्याय के विरोध में अब भाजपा नेता भी उतर गये हैं। भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को पीएससी परीक्षा में हुई इस महाघोटाले की जांच करवाने की मांग की है। इस संबंध में भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने माँग की है कि टामन सोनवानी समेत परीक्षा नियंत्रक का नार्को टेस्ट करवाया जाये। मामले की CBI जाँच हो। सारी उत्तरपुस्तिकाओं का परीक्षण एक स्वतंत्र जज की निगरानी में होना चाहिये।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}