आलेख/ विचारमंदसौरमध्यप्रदेश

हनुमान चालीसा पाठ से विषम कठिन परिस्थितियों में अपने को सर्वथा सुरक्षित महसूस कर रही है मातृशक्ति- बंशीलाल टांक

******************

हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष-

मन्दसौर। एक समय था जब महिलाओं के मन में यह अनपेक्षित भय न मालूम कहां से समा गया था कि महिलाओं को हनुमानजी की भक्ति उपासना नहीं करना चाहिये यहां तक की महिलाओं को हनुमान मंदिर में जाना नहीं चाहिये इतना ही नहीं एक और भ्रम माताओं-बहिनो मंे यह फैल गया था कि महिलाएं हनुमान मंदिर में जा तो सकती है परन्तु वे बूढ़े अर्थात वृद्ध हनुमान के दर्शन उनको प्रसाद तो ग्रहण कर सकती है परन्तु वीर हनुमान के नहीं। अभी तक में यह समझ नहीं पाया हूं कि यह अशास्त्रीय-असम्मत मनगढ़ंत बेतूका भ्रम किसके द्वारा फैलाया गया खैर अशिक्षा अथवा अंधविश्वास के कारण कुछ समय तक माताओं के मन में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी मान्यता रही हो परन्तु वर्तमान में आज माताओं ने इस भ्रम को जड़ से उखाड़ फेंका है और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण चाहे नगर और चाहे ग्राम हो, प्रत्यक्ष देखा जा रहा है जहां महिलाएं हनुमान मंदिरों में जाकर हनुमानजी के दर्शन ही नहीं करती बल्कि हनुमान चालिसा सुन्दरकाण्ड करते हुए मिल जायेगी।

प्रति मंगलवार-शनिवार को तो मंदिरों में महिलाओं की अपार भीड़ पुरूषो से अधिक देखी जा सकती है और इसका एक मात्र कारण जैसा कि भगवान राम ने अंतिम समय सरयू में प्रवेश कर अपने साकेत धाम जाते समय हनुमानजी कीसंसार में कष्ट में पड़े प्राणियों को कष्ट मुक्त करने के लिये अपने साथ में नहीं ले जाते हुए धरती पर ही रहने की आज्ञा दी थी। हनुमानजी आज भी प्रत्यक्ष है, गौस्वामी तुलसीदासजी को प्रत्यक्ष दर्शन दिये है। आज भी हनुमानजी के दर्शन के कई उदाहरण गीता प्रेस गोरखपुर के कल्याण में प्रकाशित होने के अतिरिक्त सच्ची घटनाओं के कई हनुमान भक्तों ने किये है और किसी न किसी रूप में कर रहे है।

मैं यहां मातृशक्ति जिनके मन में थोड़ा सा भी संदेह हो कि वीर हनुमानजी के मंदिर में दर्शन करने नहीं जाना चाहिये प्रथम तो यह हनुमानजी सदैव बाल रूप किशोर रूप में रहते है वे कभी वृद्ध बूढ़े नहीं होते।

हनुमानजी को मॉ जानकी ने सुन्दर काण्ड में स्पष्ट वरदान दिया है-

आसिषदीन्ही राम प्रिय जाना। होहु तात बल सील निधाना।।

अजर-अमर गुणनिधि सुत होहु। करहु बहुत रघुनायक छोहूं।।

यही कारण है कि हनुमानजी ज्ञान-बल-शोर्य-पराक्रम के भण्डार है और जो माता बहिने उनकी भक्ति करती है उनके हृदय में अपार उर्जा बल शक्ति का सर्जन हो जाता है।

हनुमानजी की स्वामी भगवान राम के प्रति भक्ति सेवा हनुमान की सरलता, विनम्रता से प्रभावित होकर जब सीता को खोजकर राम को लंका में रहने का संदेश सुनाया। उस समय राम को हनुमान को कहना पड़ा ‘‘सुनु कपि तोहि समान उपकारी। नहीं कोउ सुर नर मुनि तनुधारी।। प्रति उपकार करौं का तोरा। सनमुख होइ न सकत मन मोरा।।

ऐसे वीर हनुमान बजरंगबली की भक्ति चाहे पुरुष हो चाहे महिलाएं सबको करना चाहिये। चाहे कोई कितना ही, कैसी भी घोर विपत्ति संकट में क्यों न घिर गया हो वह प्रति मंगलवार शनिवार को हनुमान मंदिर में सुबह शाम जब भी समय मिले पूर्ण श्रद्धा विश्वास के साथ सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। निश्चित हनुमानजी उसकी बाधाएं दूर कर देंगे और कुछ नहीं तो हनुमान चालीसा का पाठ जिसमें मुश्किल से 5 से 10 मिनट लगते है पाठ हो जाता है, पाठ करना चाहिये। सुन्दरकाण्ड और हनुमान चालीसा पाठ का अद्भुत अप्रितम चमत्कार मैंने स्वयं अनुभव किया हो आप भी कर सकते है।

संकट कटे मिटे सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलवीरा।।

राम भक्त वीर हनुमान की जय। 

बंशीलाल टांक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}