सिंचाई विभाग मिटा रही ऐतिहासिक धरोहर को 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी 1871 ईसवी की प्राचीन धूप घड़ी की सुई को नहीं की गई स्थापित

सिंचाई विभाग मिटा रही ऐतिहासिक धरोहर को 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी 1871 ईसवी की प्राचीन धूप घड़ी की सुई को नहीं की गई स्थापित
धूप घड़ी की सुई मिले बीत गए 365 दिन मगर विभाग के अधिकारी इसे लगाने में नाकाम।
डेहरी( रोहतास ):–बिहार
रोहतास जिले ही नहीं पूरे प्रदेश और देश की ऐतिहासिक धूप घड़ी के इतिहास को मिटा रही है सिंचाई विभाग के अधिकारी सिचाई यांत्रिक कार्यशाला विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण 365 दिन पूर्व मिले धूप घड़ी की सुई को स्थापित कराने में नाकाम रहे विभाग के अधिकारी बताते चलें कि 1 वर्ष पूर्व 9 फरवरी 2022 को सिचाई यांत्रिक कार्यशाला के सामने 18 71 के प्राचीन धूप घड़ी जो बिहार का पहला और रोहतास जिले का धरोहर को चोरों ने सुई को चुरा ली थी उसके बाद पूरे जिले के साथ प्रदेश में भी हड़कंप मच गया सरकार के संज्ञान के बाद तत्कालीन एसपी आशीष भारती ने एक टीम गठित कर सुई को 24 घंटे के अंदर खोज निकाला लेकिन आज 1 वर्ष 365 दिन बीत जाने के बाद भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों की आंखें बंद है और ऐतिहासिक धरोहर को मिटा दिया। कई जनप्रतिनिधियों ने विभाग के अधिकारियों से इस विषय में बात किया लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इसे अनसुनी कर दिया इससे लोगों में भी आक्रोश अपने इतिहास को मिटते देख बना हुआ है लेकिन विभाग द्वारा इस पर कुछ संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। अब इस ऐतिहासिक धूप घड़ी को बचाने के लिए ना तो कोई जनप्रतिनिधि आगे आ रहे हैं और ना ही विधायक और सांसद ऐसे में ऐतिहासिक धूप घड़ी को अब मिटने से कोई नहीं रुक पाएगा अब ऐसा लग रहा है कि धूप घड़ी की स्थापित होने की संभावना ना के बराबर है।
धूप घड़ी को देखने आते थे पर्यटक
रोहतास जिला पर्यटक स्थल की भूमि रही है लेकिन बिहार सरकार का इस पर ध्यान आकर्षित नहीं है इसके बावजूद भी स्थानीय सामाजिक संगठनों ने इस प्राचीन इतिहास घड़ी को गूगल पर स्थापित करने में कामयाब हुए थे जिसे देखकर विदेशी पर्यटक भी कई बार इस प्राचीन धूप घड़ी को
देखने और अपने कैमरे में कैद करने एनीकट में आते थे और जिले भर के लोग प्रतिदिन इसे देखने सैकड़ों की संख्या में आते थे लेकिन अब यहां से मायूस लौटते हैं। क्योंकि 1 वर्ष बीतने के बाद भी धूप घड़ी को स्थापित नहीं किया गया।