प्रदेश की नंबर वन कृषि उपज मंडी मंदसौर में खसखस की नीलामी बंद होने से किसानों के साथ शासन को भी हो रहा आर्थिक नुकसान
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आंदोलन के लिए बाध्य ना करें सरकार -कांग्रेस नेता आंजना
बंशीदास बैरागी मगराना
मंदसौर। प्रदेश की नंबर वन मंडी के नाम से ख्याति प्राप्त मंदसौर कृषि उपज मंडी में लंबे समय से खसखस की नीलामी नहीं होने से किसानों के साथ साथ सरकार को भारी भरकम आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है ।
कांग्रेस नेता शंकर लाल आंजना ने संस्कार दर्शन को बताया कि मंदसौर मंडी में खसखस की नीलामी लंबे समय से बंद पड़ी है जिसके कारण मंदसौर जिले के किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इतना ही नहीं आँजना ने बताया कि जिला मुख्यालय की मंडी में खसखस की नीलामी नहीं होने के कारण जीएसटी तथा टैक्स का भी सरकार को काफी नुकसान होता है इसके पीछे के क्या कारण है यह जगजाहिर है आंजना ने कहा कि मध्यप्रदेश के नीमच मंडी में खसखस की नीलामी कार्य शुरू है रतलाम जिले के जावरा मंडी में भी खसखस की नीलामी होती है परंतु मंदसौर जिले की नंबर वन मंडी की के नाम से पहचान रखने वाली मंदसौर मंडी में खसखस की नीलामी बंद हैं शहर में सिर्फ दो व्यापारी मंडी के नियम कानून कायदों को खूंटी पर टांग पर ख़रीद दारी करते हैं जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है अब यदि प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता है और समय रहते मंदसौर मंडी में खसखस की नीलामी शुरू नहीं हुई तो फिर कांग्रेस के बैनर तले एक आंदोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी मंदसौर प्रशासन और सरकार की रहेगी अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या आंजना के सुझाव पर जिम्मेदार ध्यान देते हैं या फिर इसी प्रकार प्रदेश की नंबर वन मंडी का खिताब प्राप्त कृषि उपज मंडी में खसखस की नीलामी होने के बजाय मंडी के बाहर एक दो व्यापारियों को लाभ दिया जाता रहेगा।