बद से बदतर हालत में दिख रहे हैं प्रदेश के स्कूल भवनों के कुछ जगह के हाल

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बाबुल्दा/भानपुरा (सत्यनारायण बैरागी)।मंदसौर जिले के भानपुरा के कुछ क्षेत्रों में तो स्कूल भवनों की ऐसी दशा देखने को मिली है की जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है शासन प्रशासन शिक्षा विभाग आंखें बंद कर बेठा है ना कोई सुनने वाला है ना कोई देखने वाला है जब कोई घटना होगी तब इस बात को लेकर शासन प्रशासन और शिक्षा विभाग के नुमाइंदे जागेंगे हो सकता है किसी घटना का इंतजार किया जा रहा है शिक्षा के क्षेत्र में जहां एक और बढ़ावा देने के लिए कई वादे किए जाते हैं तो वही जिले के कुछ ऐसे गांव हैं जहां पर बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए भवनों में बिठाया जाता है उसकी हालत ऐसी है की कभी भी ऐसे जर्जर भवनों में हादसा होने का अंदेशा रहता है फिर भी बच्चे ऐसी दशा में भी भवनों में जाकर पढ़ रहे हैं ऐसे भवनों को ना तो कोई देखने वाला है ना कोई इसकी दशा सुधारने वाला दिख रहा है क्या शासन प्रशासन एवं शिक्षा विभाग द्वारा हादसे का इंतजार किया जा रहा है।?
विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री करणसिंह दायमा ने कहा कि बारिश के समय में छत पूरी टपकती है और बच्चों को बैठने में बड़ी दिक्कत आती है और ऐसे में शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित होता है। मेरे द्वारा 2019 से अब तक हर वर्ष डीओ डीपीसी के पत्र भेज रहा हूं। विद्यालय में करीब 30 से 32 के लगभग डेली बच्चों की औसत उपस्थिति में रहती। पालक बच्चों को मेरे भरोसे विद्यालय भेजते हैं। ऐसे में भवन कि स्थिति को लेकर में अधिकारीयों को अवगत करा चुका हूं।
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जगदीश दायमा सरपंच बड़ोदिया ने कहा कि मारसाब ने मेरे से दो बार शिकायत कि कि हमारी बिल्डिंग कि गिरने जैसी संभावना हो रही है। इसका आपके पास कोई फंड है तो ठीक करवा दिजिए हमारे पास कोई फंड नहीं है कि हम स्कूल कि बिल्डिंग ठीक करवा दे अभी मनरेगा में स्कूल कि बाउंड्री स्वीकृति हुई है और बिल्डिंग के लिए सीईओ से बात करेंगे।