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सरकारों कि योजनाएं गरीब या आवश्यक को आगे बढ़ाने के लिए परंतु जिनको उसकी आवश्यकता नहीं है पर वे लाभ ले रहे हैं ये उनकी चरित्रहिनता- डॉ कृष्णानंद जी महाराज

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संस्कार दर्शन

सीतामऊ। विश्वमित्र जन सेवा समिति एवं आत्म मंगल पत्रिका के संरक्षक व संपादक राष्ट्रीय संत डॉ श्री कृष्णानंद महाराज ने पत्रकारों से भेंट वार्ता में बताया कि 1992 से संस्था के माध्यम से ध्यान अध्यात्म से धर्म के प्रति जनजागृति का अभियान श्री आनंदम ध्यान केंद्र विनायक नगर पुष्कर राजस्थान से संचालित किया जा रहा है यहां पर 500 से अधिक अनाथ बच्चियों विधवा बहिनों बुजुर्गो को मासिक पेंशन देकर उनके जीवन को आत्म मंगल कर रहे हैं।

डॉ कृष्णानंद जी महाराज ने कहा कि वर्ष 2017 से समिति के माध्यम से लाडली घर आश्रम बनाया गया जिसमें 35 ब्लाइंड बालिकाएं अध्ययनरत हैं वही 15 ऐसी बालिकाएं जो विभिन्न रोजगार के लिए प्रशिक्षण केंद्र पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है यह संस्था राष्ट्रीय स्तर की है इस प्रकार की संस्था राजस्थान क्षेत्र में पहली है जो ब्लाइंड बालिकाओं के लिए कार्य कर रही है बालिकाएं शिक्षा में निपुण होने के साथ-साथ रोजगार के प्रति भी अग्रसर हैं हमारा उद्देश्य है की हर प्राणी कि आत्मा मंगलमय हो ।

डॉ कृष्णानंद जी महाराज ने पठान फिल्म को लेकर कहा कि पहले अच्छी फिल्में हुआ करती थी जो परिवार के साथ सब देख सकते थे पर अब धीरे-धीरे फिल्मों में भी चरित्रहीनता कि विकृति बढ़ गई हैं। और वर्तमान में बन रही ऐसी फिल्म जो परिवार के साथ सदस्य देख रहे हैं उन पर कितना बुरा प्रभाव पड़ेगा इस पर सरकार को सेंसर बोर्ड को ध्यान देने की आवश्यकता है वही सोशल मीडिया फेसबुक यूट्यूब आदि में चरित्रहीन गलत पोस्ट वीडियो डाली जा रही है उनको सरकार सेंसर बोर्ड को तत्काल हटाने चाहिए।

डॉक्टर कृष्णानंद जी महाराज ने कहा कि शक्ति के आगे सबको झुकना पड़ता है जैसे पूरे भारत में मात्र 40 लाख जैन है। पर जब सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में जैन समाज के साथ सभी हिंदू भाइयों ने भी समर्थन किया और शक्ति के आगे पर्यटन विभाग झुका और निर्णय बदलना पड़ा।

डॉ कृष्णानंद जी महाराज ने सभी धर्म संप्रदाय के धर्मगुरुओं तेरह अखाड़ों के प्रमुखों से आह्वान करते हुए कहा कि समाज में फैल रही विकृति को खत्म करने के लिए एक होकर नैतिक जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है। हर धर्म की नीव समाज कि व्यवस्थाओं को लेकर अच्छाई के लिए रखी गई है। सभी धर्मों में अच्छी अच्छी बातें हैं। इसलिए सभी धर्मों कि अच्छाई को लेकर धर्म गुरु एक होकर लोक कल्याण के एक होकर कार्य करें।

डॉ कृष्णानंद जी ने कहा कि साधु संत वे नहीं जो महंगी महंगी गाड़ियों में घूमते हैं और लग्जरी सुविधा के साथ रहते हैं। साधु संत तो वे है जो अपने कंदराओं तथा अपने आध्यात्मिक स्थान में निवास कर आध्यात्मिक जीवन जीते हुए समाज के लिए समय समय पर मार्ग दर्शन करते रहते हैं।

डॉ कृष्णानंद जी ने कहा कि वर्तमान समय में देश एक हैं पर मानसिक रूप से दो भागों में बट गया है देश में चरित्र हनन, दलगत राजनीति और बेरोजगारी को रोकने पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

डॉ कृष्णानंद जी ने कहा कि दलगत राजनीति से हटकर कोई भी पार्टी जो समाज हित में अच्छा कार्य कर रही है उसका समर्थन करना चाहिए वही बेरोजगारी को लेकर कहा कि शिक्षा प्राप्त कर नौकरी की ओर आगे बढ़ना बेरोजगारी से रोजगार का समाधान सबके पास नहीं होता है परंतु सरकारों के माता पिता को अपने बच्चे के लिए शिक्षा के साथ रोजगार की ओर भी जोड़ना चाहिए।

डॉ कृष्णानंद जी ने चरित्रहीनता को लेकर कहा कि जिस प्रकार से सरकारों कि जनकल्याणकारी योजनाएं समाज को आगे बढ़ाने के लिए होती है। परंतु दुसरे लोग जिनको उसकी आवश्यकता नहीं है पर वे लाभ ले रहे हैं ये उनकी चरित्रहिनता है। हम विदेशी संस्कृति का अनुसरण कर अपनी चरित्रहिनता कर रहे हैं। समाज में पहले पर्दा प्रथा घुंघट जैसी व्यवस्थाएं हो थी पर समय के बदलाव के साथ पर्दा प्रथा घूंघट की बुराई दूर हुई और इससे मातृशक्ति सशक्त हुई है इसमें कोई संदेह नहीं है पर यह नहीं कि हम चरित्रहीनता कि और बढ़े। समाज की विकृतियों को दूर करने के लिए पुरुषों के साथ महिलाओं की निरंतर भागीदारी होना चाहिए ना कि दिखावे की ओर हो।

डॉ कृष्णानंद जी ने कहा कि जितने भी बड़े मंदिर मस्जिद धार्मिक स्थल है उनके यहां चढ़ावे भेंट के रूप में लाखों करोड़ों रुपए की आय होती हैं इस आय का वहां के व्यवस्था के साथ शेष बचत आय से समाज को स्वास्थ्य सुविधाएं यदि उपलब्ध कराई जाती है तो भगवान अल्लाह और खुश होकर आशीर्वाद देंगे। इस अवसर पर संत डॉ कृष्णानंद जी महाराज ने उपस्थित पत्रकारों को केशरिया दुपट्टा पहनाकर आशीर्वाद प्रदान किया।

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