
दोस्त ने दोस्त के साथ किया विश्वासघात, दोस्त को भिजवाया जेल, लाखों रुपए का गबन का मामला
बिहार औरंगाबाद से धर्मेंद्र गुप्ता
दोस्त पर विश्वास करना एक युवक को भारी पड़ा। दोस्ती का फायदा उठाकर दोस्त ने ही युवक को ना सिर्फ धोखाधड़ी का शिकार बनाया बल्कि साजिश के तहत 11 लाख 50 हज़ार रुपयों के गबन की आरोप में उसे जेल भिजवाया। इतना ही नहीं मामले में युवक के माता- पिता एवं भाई-बहन को नामजद अभियुक्त बनाया। वहीं इसके बाद हद तो तब हो गई जब युवक को जेल जाने के बाद दोस्त ने उसके पिता को गंभीर मुकदमे में फंसाने तथा डरा धमका कर अवैध रूप से पांच लाख रूपये और लेने का आरोप हैं।
इस घटना के संबध में औरंगाबाद ज़िले के बालूगंज निवासी पवन गुप्ता ने अपने दोस्त देव थाना अंतर्गत ऐरकी गांव निवासी चंदन कुमार एवं उसके पिता अमरेंद्र कुमार तिवारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया है। गौरतलब हैं कि पवन गुप्ता हाल ही में उक्त रुपयों की गबन के आरोप जेल गए थे। जो फिलहाल जमानत पर बाहर आए हैं। इसी सिलसिले में आज उन्होंने एक निजी होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया को बताया कि जिन रुपयों की गबन का आरोप उन पर लगाया है। असल में वह रूपये उनके हैं।
जो उधार स्वरूप खाते के माध्यम अपने दोस्त चंदन कुमार एवं उनके पिता अमरेंद्र कुमार तिवारी को दिया था। लेकिन समय के साथ उन्होंने जब बकाया रूपये वापस मांगा तो पिता-पुत्र ने साजिश के तहत उन रुपयों को देने की बजाय अपना बता कर उनके खिलाफ नगर थाना में अप्रैल माह 2022 में मुकदमा दर्ज़ करवाया। जबकि इस मुकदमें की सूचना पिछले पांच महीनों में नहीं दी गई। वहीं 23 सितंबर को उक्त रुपयों के गबन मामले में नगर थाना एवं देव थाना की संयुक्त कार्रवाई में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया जिसमें उस वक्त बताया गया आप पर 11 लाख 50 हज़ार रूपये गबन का आरोप है जिसमें उनके माता-पिता समेत भाई – बहन को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया हैं।
उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं पिता-पुत्र ने हद तो तब कर दिया जब मुझे जेल भिजवाने के बाद हमारे पिता एवं परिवार को अन्य गंभीर मुकदमे में फसा देने की धमकी और डरा कर पांच लाख रूपये अवैध रूप से वसूले हैं। उन्होंने कहा कि पिता- पुत्र ने हमारे दोस्ती का नाजायज फायदा उठा कर हमारे द्वारा अलग-अलग लेने देने में दिए गए रुपयों को अपना बयाया है जिसका हमारे पास पुख्ता सबूत हैं। जरूरी पड़ी तो साक्ष्य के तौर पर न्यायालय में प्रस्तुत करूंगा। वहीं उन्होंने मामले में पुलिस अधीक्षक, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों से जांच की मांग की हैं।