रतलाम न्यायालय ने तत्कालीन जिला आयुष अधिकारी डॉ. नीलम कटारा को 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1हजार रू अर्थदण्ड से दण्डित किया
===================
रतलाम। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के विशेष प्रकरण क्रमांक 02/2017 में माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री संतोष कुमार गुप्ता द्वारा आज दिनांक 22 नवंबर 2022 को पारित अपने निर्णय में डॉ. नीलम कटारा पिता श्री विजयसिंह कटारा आयु 33 वर्ष तत्कालीन जिला आयुष अधिकारी, जिला रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 13(1)डी सहपठित धारा 13(2) में दोषसिद्ध पाते हुऐ 04 वर्ष के सश्रम कारावास तथा कुल 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया। शासन की ओर से पैरवीकर्ता श्रीमती रोजर चौहान, विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के द्वारा बताया गया कि 26 अक्टूबर 2015 को आवेदक डॉ. सुरेशचन्द्र शर्मा पिता नानालाल शर्मा सेवानिवृत्त जिला आयुष अधिकारी जिला रतलाम ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थित होकर एक लिखित शिकायत आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि वह दिनांक 30 जून 2015 को आयुष विभाग से जिला आयुष अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुआ है, सेवानिवृत्ति पश्चात उसे अव्यवसायी भत्ते की राशि करीब 8,96,000 रूपए का भुगतान किया जाना है, डॉ. नीलम कटारा के द्वारा इस राशि के भुगतान के लिए 5,000 रूपए की रिश्वत की मांग की जा रही है। इस पर निरीक्षक प्रशांत मुकादम विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक सुरेशचन्द्र को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर देकर आरोपी डॉ. नीलम कटारा और सुरेशचन्द्र के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर, विधिवत ट्रैप कार्यवाही 03 नवंबर 2015 को आरोपी के कार्यालय जिला आयुष अधिकारी कार्यालय, रतलाम में की गई तथा आरोपी डॉ. नीलम कटारा को आवेदक सुरेशचन्द्र से 4,000 रूपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के निरीक्षक प्रशांत मुकादम द्वारा ट्रेप किया गया। मौके पर आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया। आरोपी ने रिश्वत के नोट लेकर अपने काले रंग के हेण्ड बैग में रख लिए थे। विज्ञप्त पंच श्री मुकेश त्रिवेदी ने आरोपी डॉ. नीलम कटारा से रिश्वत की राशि के बारे में पूछा तो अपने हेण्ड बैग में रखना बताया। जिस पर श्री मुकेश त्रिवेदी ने काले रंग के हेण्ड बैग में से उक्त राशि निकाली और गिनी तो 4,000 रूपए थे। इन करेंसी नोटो के नंबरों का मिलान किए जाने पर ये नोट वही नोट पाए गए, जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक की जेब में रखवाए गए थे। एफ.एस.एल. द्वारा रासायनिक परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलवाने के घोल और हेण्ड बैग के ऊपर की जेब जिसमें रिश्वत की राशि रखी गई थी के पोछन के घोल में फिनाफ्थलीन का परीक्षण धनात्मक पाया था। विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र 08 जून 2017 को विशेष न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।