आलेख/ विचारनीमचमध्यप्रदेश

अफ़ीम उत्पादक किसानों को भ्रमित कर रहे सांसद – पूर्व विधायक डॉ जाजू

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नीमच । नीमच के पूर्व विधायक डॉ संपत स्वरूप जाजू ने बताया कि अफ़ीम पट्टे के नाम पर एसीबी की टीम ने कार्यवाही कर झालावाड में नारकोटिक्स ब्यूरो के उप और गिरफ़्तारी और दो दलालों को गिरफ़्तार किया ।

क्या यह मंदसौर नीमच क्षेत्र का दुर्भाग्य नहीं हैं कि पट्टो के नाम पर खुला भ्रष्टाचार हो रहा हैं और हमारे क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मूक दर्शक बन कर किसानों का शोषण होते देख रहे हैं और दिखावे की नौटंकी कर किसानों को लगातार भ्रमित कर रहे हैं  ।

नीमच के पूर्व विधायक डाक्टर जाजू ने एक बयान में कहा कि क्षे अफ़ीम उत्पादन क्षेत्र के सांसदों ने विगत वर्षों में अफ़ीम किसानो को अफ़ीम के पट्टो के बारे में भ्रम में रखा और निरंतर आश्वासन देते रहे कि अफ़ीम उत्पादन क्षेत्र में नये पट्टे पारंपरिक अफ़ीम ( लूनी चीरनी ) की खेती करने के तहत दिए जाएँगे और सीपीएस पद्दति से अफ़ीम उत्पादन करने के पट्टो का जम कर विरोध कर किसानों को भ्रम की स्थिति में रखा जब इस वर्ष की अफ़ीम नीति आई तो उसमे नये पट्टे केवल सीपीएस पद्धति के तहत ही देने का प्रावधान है और जो पट्टे पूर्व में निरस्त कर दिये गये थे उन्हें भी पुनः सीपीएस पद्धति से ही मिल रहे सांसदों ने सीपीएस पद्धति का एक नौटंकी के तहत विरोध कर अफ़ीम उत्पादक किसानों को अफ़ीम नीति पर भ्रमित किया जबकी यह सुनिश्चित था कि अफ़ीम नीति के तहत पट्टे सीपीएस पद्धति के तहत ही दिये जाएंगे।

यह सर्व विदित हैं कि अफ़ीम के पट्टे देने में तथाकथित काकस दलालों के माध्यम से दशकों से किसानों से अवैध रूप से पैसों की उगाई कर भ्रष्टाचार कर रहा हैं . लंबे समय से सांसद रहने के बाद भी भ्रष्टाचार पर तो नियंत्रण नहीं कर पाये और पता नहीं क्यों और किस कारण से मौन दर्शक बन कर सब कुछ आँखें मूँद कर देखते रहे अब जब चुनाव नज़दीक आ गये तो नींद से जाग कर तथाकथित तरह की नौटंकी कर कृषकों को भ्रमित कर रहे हैं इसका एक बड़ा उदाहरण सांसद जोशी जी का वायरल वीडियो हैं जिसमे पैसा ले कर अफ़ीम पट्टे देने के लिये रिश्वत की माँग पर और सांसद जोशी की तथाकथित कार्यवाही हैं ..

तथाकथित सुचिता और पारदर्शिता की बात करने वाली मोदीजी की सरकार में भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा हैं …अफ़ीम उत्पादक किसानो का हर स्तर पर शोषण किया जा रहा हैं .

ज़िम्मेदार जनप्रतिंधि नौटंकी कर रहे हैं और अपनी छवि को बचाने का प्रयास कर रहे हैं . बाक़ी के जनप्रतिनिधियों तो इस किसानो के शोषण और लूट को मूक दर्शक बन कर अपनी स्वार्थपूर्ति कर रहे है ..**

सांसद मोहदय एक ज़िम्मेदार पद पर है केवल दिखाने के लिये जिस तरह की कार्यवाही की हैं क्या उससे भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हो जायेगा और अफ़ीमउत्पादक किसानो का शोषण समाप्त हो जायेगा . कार्यवाही करना थी तो बक़ायदा क़ानून कार्यवाही करनी चाहिये कारण सबको स्पष्ट हैं कि एक अदना सा मुखिया बग़ैर किसी संरक्षण के और वरिष्ठ अधिकारी की मिली भगत से इस कार्य को अंजाम नही दे सकता हैं भ्रष्टाचार की पूरी चेन हैं उस पर कोई कार्यवाही नही होना क्या दर्शाता है यह तभी सम्भव था जब भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्ति की गिरफ़्तारी के बाद गहन जाँच कर भ्रष्टाचार और उगाई में जिन लोग़ो का संलिपता हैं उन सब पर क़ानून सम्मत कार्यवाही होना चाहिये . दुर्भाग्य है कि सांसद जी का कोई वक्तव्य या आगे क्या क़ानूनी कार्यवाही करने के लिये निर्देश दिये उसकी सार्वजनिक जानकारी अभी तक देखने में नही आई हैं .

सांसद जी से अनुरोध हैं कि अफ़ीम पट्टों के नाम पर किसानो के शोषण करने वाले तथाकथित गिरोह को क़ानून सम्मत कार्यवाही तुरंत करवाएँगे ..

कहाँ हैं पक्ष के वे किसान नेता जो अफ़ीम निति का श्रेय लेने के साथ अफ़ीम उत्पादक किसानो की लड़ाई को लड़ने का दावा करते हैं क्या वे सक्षम न्यायालय में जनहित याचिका लगा कर आने वाले समय में सिस्टम में बदलाव करवा कर कृषकों को रहात दिलवाएँगे और भ्रष्टाचार करने वालो को दंड दिलवाएँगे ..?

(उपरोक्त विचार पूर्व विधायक डॉ संपत स्वरूप जाजू ने 07 नवंबर 2022 को सोशल मीडिया वाट्सएप के HAR WAR news पर पोस्ट कि गयी )

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