मंदसौरमंदसौर जिला
जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत नपा परिषद के द्वारा संगोष्ठी का आयोजन,

देवास के डॉ. सुनील चतुर्वेदी ने जल संवर्धन विषय पर दिया संबोधन

मुख्य वक्ता डॉ. सुनील चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि पृथ्वी पर बाड़ व सुखा दोनों समस्याये है ये दोनों समस्याये अलग-अलग नहीं बल्कि जुड़ी हुई है यदि इसका समाधान करना है तो हम सभी को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना पड़ेगा। हमारे मालवा क्षेत्र में भूमिगत जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है क्योंकि हम भूमिगत जल का दोहन ज्यादा कर रहे है। जितना जल हम भूमि से ले रहे है उसे उतना जल लौटा नहीं रहे है। इसके कारण जल स्तर मालवा के कई क्षेत्रों में 800 से लेकर 1200 फिट तक भी नीचे चला गया हैं आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन व पानी के संकट से जूझ रहा है। विश्व के 17 देश इस संकट से जूझ रहे है और हमारा देश भारत भी शामिल है। पुराने समय में जब ट्यूबवेल खनन नहीं होता था तब 10-12 फुट पर कुओं पर पानी उपलब्ध था लेकिन 1980 के बाद स्थिति बदली है। 30-40 वर्षों में भूमिगत जल स्तर तेजी से नीचे गया है। आज पानी की कमी की तो समस्या है साथ में पानी की गुणवत्ता की समस्या भी सामने आने लगी ळै। हमें भूमिगत जल का दोहन कम करना पड़ेगा। इसके साथ ही हमें वाटर हार्वेस्टिक सिस्टम को भी अपनाना पड़ेगा। नपा परिषद इस दिशा में कार्य करके भूमिगत जल स्त्रोत को बड़ा सकती है इसके लिये छत के पानी को ट्यूबवेल में डालने के काम को आगे बढ़ाना पड़ेगा। यदि ट्यूबवेल नहीं है तो सुखता गड्डा भी जलस्त्रोत को बड़ा सकता है।
संगोष्ठी में श्रीकांत उपाध्याय ने भी अपने विचार रखे तथा परिषद के द्वारा जलसंवर्धन के लिये किये जा रहे प्रयासों की सराहना भी की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. सुनील चतुर्वेदी को न पा परिषद की ओर से स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।
मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद व भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री बंशीलाल गुर्जर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरे प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाकर पूरे प्रदेशवासियों को जल संवर्धन करने की जो प्रेरणा दी है वह सराहनीय है। मंदसौर नपा परिाषद भी 5 से 15 जून तक इस अभियान के अंतर्गत कई कुआंे, बावड़ियों की सफाई का कार्य कर चुकी है। परिषद के सभी जनप्रतिनिधि इसके लिये बधाई के पात्र है। हम प्रकृति का संरक्षण करेंगे तो प्रकृति हमारा संरक्षण करेगी। इसलिये प्रकृति का पोषण करें उसका शोषण नहीं। वर्षा ऋतु में हम अपने घरों की छतों से निकलने वाले पानी को वाटर हार्वेस्टिंग तकनीकी से पुनः भूमि में पहुंचाने का कार्य करेंगे तो इससे भूमिगत जल स्तर अवश्य ही बड़ेगा। हम पानी की एक एक बुंद का महत्व समझेंगे तभी हम उसके संरक्षण पर कार्य कर पायेंगे। आपने कहा कि उज्वला योजना के प्रारंभ होने के बाद पेड़ो की कटाई कम हुई है पेड़ की कटाई होने से गांव खेत खलिहान हरे भरे हुए है।
विधायक श्री विपिन जैन ने कहा कि जल है तो कल है। हम सभी पानी का महत्व समझे और इसके संरक्षण की चिंता करें। इसके लिये हम अपने छोटे-छोटे प्रयास करके भी इस दिशा में काम कर सकते है।
पूर्व विधायक श्री यशपालसिंह सिसौदिया ने कहा कि नपा परिषद ने जल संवर्धन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन करके सराहनीय कार्य किया है। आपने इस मौके पर अपने नपाध्यक्षीय कार्यकाल में जब कम वर्षा हुई थी तब स्थानीय जल प्रबंधन व्यवस्था आदि के अनुभवों से सभी को अवगत कराया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान पर भी अपनी बात कही।
नपाध्यक्ष श्रीमती रमादेवी गुर्जर ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि नगरपालिका ने इस अभियान के अंतर्गत कई कुओं बावड़ियों की सफाई कराई है। हमें इन सभी कुओं व बावड़ियों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। नपा उपाध्यक्ष श्रीमती नम्रता चावला ने अतिथि परिचय देते हुए डॉ. सुनील चतुर्वेदी के जीवन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन जलकार्य सभापति निलेश जैन ने किया।