पिला मोजक बीमारी के साथ फाल नहीं लगने से किसान ने परेशान,सोयाबीन में चलाया रोटावेटर

किसान बोले 06 बोरी बिघा कि पैदावार से घर चलाएं या उधार लिया लौटाएं क्या करें
सीतामऊ। तहसील क्षेत्र के अंतर्गत गांव रामाखेड़ी के किसान द्वारा सोयाबीन की फसल में पीला मोजक रोग आने से एवं सोयाबीन फाल भी नहीं आने के बाद किसान ने अपने तीन बीघा खेत में बोई सोयाबीन की फसल ट्रेक्टर रोटावेटर चला कर फसल को नष्ट किया गया।
किसानों ने बताया कि किसान हर बार अपनी फसलों का बीमा प्रीमियम करवाता है लेकिन जिसका बीमा कंपनी दो साल बाद बीमा ऊंट के मुंह मे जीरा के समान बीमा दिया जा रहा है। वहीं बीमा के साथ सरकार शासन पीला मोजक बीमारी से फसल खराब हुई इसका मुआवजा भी दिया जाना चाहिए ताकि किसानों को फसल नष्ट कि राहत मिल सके।
रामाखेड़ी निवासी राजू खा हाल मु. बूढ़ा द्वारा बताया गया की सोयाबीन की फसलों में पीला मोजक आने एवं फाल नहीं लगने खड़ी फसल सोयाबीन में रोटावेटर चलाना पड़ा क्योंकि हरि भरी होने के बाद भी सोयाबीन में एक फली तक नहीं आई जिससे लगाई गई लागत भी ऊपर पड़ रही है और सरकार द्वारा हम किसानो को कोई राहत नहीं जा रही है जिससे किसानो की आर्थिक स्थिति बहुत गंभीर और चिंताजनक होती जा रही हैं।
वहीं सासरी पिपलिया निवासी किसान उमराव सिंह पिता सरदार सिंह राजपूत द्वारा बताया गया 6 बीघा खेत में 9560 किस्म कि सोयाबीन फसल बोई गई जिसकी पैदावार प्रति बिघा 6 बोरी ही पैदावार हुई। जिससे लगाई गाई लागत भी नहीं आएगी। किसान ने आगे बताया कि कई किसानों ने पीला मोजक एवं फाल नहीं आने से पहले भी किसानों ने रोटावेटर चलाना पड़ा जिससे किसान बहुत परेशान भी है।कि अब घर के कामकाज चला पाना ही कठिन है बल्कि बाजार से लिया गया उधार भी नहीं दे पाएगा ऊपर से बारिश कम होने से पिछली फसल के भी पैदावार करने में काफी परेशानी उठनी पड़ेगी ऐसे में किसानों की पीड़ा को देखते हुवे सरकार को पीला मोजक बीमारी से सोयाबीन की फसलें खराब हुई हे जिसके लिए मुआवजे के लिए विशेष कैबिनेट की बैठक में अलग से मुआवजा राशि स्वीकृत कर किसानों को मुआवजा देना चाहिए।


