समाचार नीमच मध्यप्रदेश 01 जनवरी 2023 रविवार

गौ सेवा धाम में पहुंचकर बीमार गायों का पूजन दीपक प्रज्वलित कर आरती के बाद पौष्टिक आहार खिलाया

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जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की सीख देता है सुदामा चरित्र-रुद्रदेव त्रिपाठी
श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा विश्राम , नम आंखों से दी पंडित त्रिपाठी को भावभीनी विदाई
नीमच 1जनवरी 20-23 (केबीसी न्यूज़) मित्रता में गरीबी और अमीरी नहीं देखनी चाहिए मित्र एक दूसरे का पूरक होता है। भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा की गरीबी को देखकर रोते हुए अपने राज सिंहासन पर बैठाया और उन्हें उलाहना दिया कि जब गरीबी में रह रहे थे तो अपने मित्र के पास तो आ सकते थे लेकिन सुदामा ने मित्रता को सर्वोपरि मानते हुए श्री कृष्ण से कुछ नहीं मांगा ।सुदामा चरित्र जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने की सीख देता है। सुदामा ने भगवान के पास होते हुए अपने लिए कुछ नहीं मांगा ।अर्थात निस्वार्थ समर्पण की असली मित्रता है।यह उद्गार पंडित रुद्रदेव त्रिपाठी ने व्यक्त किए। वे गांधी वाटिका स्थित वात्सल्य भवन में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के प्रिय मित्र सुदामा जोकि अत्यधिक निर्धन थे लेकिन कृष्ण के नाम का बहुत सारा धन उनके पास था कभी किसी के पास उन्होंने जाकर किसी भी प्रकार की याचना नहीं की और और उनके इसी स्वभाव से प्रसन्न होकर भगवान ने उनको धरती और स्वर्ग में रहने वाले राजाओं को जो सुख मिलता है वह सुख प्रदान किया ।बचपन के मित्र सुदामा पर कृपा करके भगवान ने मानो यह संदेश दिया कि मित्र के सुख-दुख को देखकर अपने पहाड़ जैसे दुख को भी भूल कर मित्र की सहायता करना ही सच्ची मित्रता कहलाता है ।मित्रता वह नहीं है जो हमें गलत आदतों में डाले बुरी संगत में डाले इसलिए मित्र भी बनाओ तो बड़े सोच समझकर और जो तुम्हें ऊंचाइयों का रास्ता दिखाइए वही सच्चा मित्र होता है ।पंडित रुद्रदेव त्रिपाठी ने परीक्षित मोक्ष की तरफ मोड़ते हुए कहा कि 7 दिनों तक कथा सुनने के बाद जब सुखदेव जी द्वारा परीक्षित से पूछा गया कि यदि तुम्हें तक्षक नाग डसेगा तो क्या तुम मरोगे ।तब राजा परीक्षित ने कहा कि हे भगवान मैं तो श्रीमद् भागवत कथा सुनकर मुक्त हो गया हूं अब तो यह शरीर नश्वर है वही नष्ट होगा मैं तो भगवान श्री कृष्ण की कथा सुनकर स्वत: ही मुक्त हो गया हूं। महाराज श्री ने राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा सुनाते हुए कथा को विश्राम दिया महाराज श्री के 7 दिनों के सानिध्य पाने के बाद समस्त आयोजन समिति और श्रद्धालु भक्त भावविभोर हो गए थे और पूरा भक्ति पंडाल श्रोताओं से भरा हुआ था और नाम आंखों से महाराज श्री को भावभीनी विदाई सभी ने समर्पित की। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा महाराज श्रीएवं संगीत कलाकारों की टीम एवं व्यास पीठ पर विराजित विद्वान पंडितों का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया।
पंडित त्रिपाठी ने कृष्ण सुदामाके प्रसंगों के महत्व पर वर्तमान परिपेक्ष में प्रकाश डाला।
स्वर्गीय मूलचंद एवं स्वर्गीय कस्तूरीबाई चौबे की स्मृति में पंडित रुद्रदेव त्रिपाठी के श्री मुख से श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा संकल्प यजमान सांवरिया चौबे परिवार के ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि श्रीमद् भागवत की श्रृंखला में 1 जनवरी रविवार को सुबह 9 बजे सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष एवं कथा का विश्राम हुआ।
कृष्ण सुदामा मिलन देखकर भाव विहल हुए श्रद्धालु

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मनोकामना महादेव दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

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कपिलधारा कूप से आया किसान शोभालाल के जीवन में आर्थिक एवं सामाजिक बदलाव

म.न.रे.गा. योजना के तहत किसान शोभालाल धाकड के खेत में 2.59 लाख की लागत से कपिलधारा कूप का निर्माण किया गया है। कूप निर्माण कार्य में हितग्राही किसान और उसके परिवार के सदस्यों को रोजगार तो मिला ही, साथ ही उसके खेत में सिंचाई के लिए कूए का निर्माण भी हुआ है।
पहले किसान के पास असिंचित कृषि भूमि थी, जिससे वह वर्षा आधारित एक फसल ही ले पाता था। शेष दिनों में शोभालाल व उसका परिवार अन्य किसानों के खेतों में कृषि, मजदूरी का कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। कपिलधारा कूप निर्माण से शोभालाल धाकड खरीफ के साथ-साथ अब रबी में गेहूं व चने की फसल का उत्पादन भी लेने लगा है। इससे उसकी आमदनी में भी बढोत्तरी हुई है। साथ ही गर्मी के मौसम में वह अपने खाली पडे खेत में सब्जी लगाकर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर रहा है। अब किसान शोभालाल और उसका परिवार अपने ही खेत में कृषि कार्य कर अपना जीवन यापन अच्छे से कर रहा है। अब उसे व उसके परिवार को दूसरों के खेत पर मजदूरी करने की जरूरत भी नहीं रही। इस तरह कपिलधारा कूप से किसान शोभालाल धाकड की जिन्दगी में काफी बदलाव आया है। उसकी सामाजिक व आर्थिक स्थिति में भी काफी सुधार आया है।
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कपिलधारा कूप से मिली खेतों में सिंचाई की सुविधा और बढी आमदनी
दो फसलों का उत्पादन कर आत्मनिर्भर बने किसान कमल व उदयराम
नीमच । कपिलधारा कूप निर्माण से किसानों की आमदनी में भी काफी बढोतरी हुई है। अब सिंचाई की सुविधा मिल जाने से किसान, वर्षा आधारित एक फसल लेने की बजाए अब दो फसले लेकर अपना उत्पादन बढा रहे है और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे है।
जिला मुख्यालय नीमच से लगभग 65 किलोमीटर दूर मनासा जनपद के ग्राम तलाऊ के किसान कमल पिता भोना एवं ग्राम मान्याखेडी निवासी किसान उदयराम- भोनीशंकर के खेतों में 2.42 लाख रूपये प्रति कूप के मान से कपिलधारा कूप का निर्माण हो जाने से इन किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आया है।
म.न.रे.गा. योजना के तहत कमल तथा उदयराम के खेतों में कूप निर्माण के कार्य में उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को रोजगार तो मिला ही, साथ ही सिंचाई के लिए कूप का निर्माण भी हो गया। पहले यह किसान अपनी असिंचित कृषि भूमि में केवल बारिश में ही फसल ले पाते थे। शेष दिनों में किसान व उनके परिवार के सदस्य अन्य किसानों के खेतों में मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे।
कपिलधारा कूप का निर्माण हो जाने से अब वे खरीफ के साथ ही रबी में भी गेहूं, लहसून, सरसों, ईसबगोल, अलसी आदि फसलों का उत्पादन लेने लगे है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है। अब इन किसानों के परिवारों के सदस्यों को सिंचाई सुविधा मिल जाने से अपने खेत में काम करने से ही फुर्सत नहीं मिलती। अब उन्हें दूसरों के यहां मजदूरी करने की भी जरूरत नहीं रही। इस तरह कपिलधारा कूप निर्माण से किसान परिवारों की आमदनी बढी है और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुए है।
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