महिलाओं ने प्रकृति से प्रेम के प्रतीक गोवर्धन पूजा की, किसानों भक्तों ने मनाया अन्नकूट महोत्सव

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जिपं अध्यक्षा दुर्गा पाटीदार ने गुराड़िया प्रताप में कि गोवर्धन पूजा
सीतामऊ/ सुवासरा। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया है। हालांकि इस साल दिवाली के अगले दिन सूर्यग्रहण लगने के कारण गोवर्धन पूजा दीपावली से एक दिन के अंतर में मनाया गया। गोवर्धन पूजा के इस दिन ‘अन्नकूट महोत्सव भी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व होता है। गोवर्धन पूजा के दिन लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं और परिक्रमा लगाते हैं। वहीं भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों के मंदिरों में भी पुजा और महाआरती कर अन्नकूट मालपुआ कि प्रसादी का वितरण किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन व्रत के साथ पुजा अर्चना करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इन्हीं भावनाओं को लेकर परंपरा का निर्वाह करते हुए जिलें के गांव शहरों में भी गोवर्धन पूजा और मंदिरों में महा आरती का आयोजन हुआ।

जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार ने कहा कि दीपावली पर्व मनुष्य, प्रकृति व पशुधन का बंधुत्व बनाए रखने का पर्व है, प्रकृति से प्रेम के प्रतीक गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर के उपलक्ष्य में आज निवास पर परिवार के साथ श्री गोवर्धन महाराज की पूजन-अर्चन किया।भगवान श्री कृष्ण मनुष्य, प्रकृति व पशुधन का बंधुत्व बनाए रखें व समस्त क्षेत्रवासियों का कल्याण करें यही मंगलकामना।
शास्त्रों में कथा एवं चर्चाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने पशु पालकों किसानों कि आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए गौ पालन समुचित तरीके से करने के लिए गौ माता के लिए गोवर्धन पर्वत के संरक्षण करने और एकाग्रता होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखने के साथ ही एकता का संदेश दिया। द्वापर युग से चल रही इस परंपरा का आज भी पशु पालक किसान एवं भक्त जन निभा रहे।