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इंदौर में महिला कारोबारी को 3 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा:मनी लांड्रिग में फंसाने के नाम पर डेढ़ करोड़ ठगे,

इंदौर में महिला कारोबारी को 3 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा:मनी लांड्रिग में फंसाने के नाम पर डेढ़ करोड़ ठगे

इंदौर की महिला कारोबारी को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख उनसे करीब 1.60 करोड़ रुपए ठगने का मामला सामने आया है। मामले में महिला ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई है। महिला को आरोपियों ने ऑनलाइन कॉल कर पहले ईडी और सीबीआई अफसर बनकर डराया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का बोल कर बैंक अकाउंट्स की जानकारी ले ली। फिर रुपयों के वैरिफिकेशन के नाम पर धमकाकर सारे पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए। इंदौर में तीन महीने में डिजिटल अरेस्ट का यह 65वां मामला है।

साइबर सेल के मुताबिक घटना वंदना (40) पति राजीव गुप्ता के साथ हुई है। वे राठी ग्रुप में काम करती हैं। इनका शेयर एंड कमोडिटी का व्यापार है। उन्होंने शिकायत में बताया कि 9, 10 व 11 नवंबर को उनके पास वीडियो कॉल आया। कॉलर ने ईडी अफसर बनकर बात की और कहा- तुम्हारे खातों में अवैध ट्रांजेक्शन हुए हैं। ये एक मनी लॉन्ड्रिंग केस है। इसमें हमने नरेश गोयल नामक व्यक्ति को पकड़ा है। उसने आपके खाते में ये रुपए ट्रांसफर किए जाने की बात कही है। आपके खातों का वैरिफिकेशन करना होगा। ठगों ने खुद को ईडी अधिकारी बताकर एक करोड़ 60 लाख रुपए ट्रांसफर करवाए और गोल्ड लोन लेने का दबाव बनाया।

1 करोड़ की एफडी तुड़वाकर ट्रांसफर करवाए रुपए

वंदना ने बताया कि ऑनलाइन केस में फंसाने का बोलकर इस कदर धमकाया कि उन्होंने अपनी 1 करोड़ की एफडी भी तोड़ दी। उसे भी बदमाशों ने वैरिफिकेशन के नाम पर दूसरे खातों में आरटीजीएस करवा लिए। टीआई सुरेंद्र वास्कले ने बताया कि महिला से पूछा कि डिजिटल अरेस्ट के मामले मीडिया में इतने आ रहे, फिर कैसे फंस गए, उन्होंने कहा- वे जागरूक नहीं थीं। मामले की जांच साइबर सेल कर रही है।

अकाउंट में जमा हुआ काला धन

ठगों ने वंदना को बताया कि उसके खाते में काले धन की जानकारी मिली है। इसके आधार पर आपके विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का प्रकरण दर्ज हुआ है। सीबीआई द्वारा भी इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। इसके बाद ठगों ने वंदना से उनके बैंक खातों, कारोबार और आईडी कार्ड की जानकारी ली।

जेल भेजने की धमकी देकर ठगे रुपए

ठगों ने जेल भेजने की धमकी देकर वंदना से एफडी तुड़वाकर एक करोड़ 60 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इसके लिए ठगों ने तीन दिन वंदना को डिजिटल अरेस्ट रखा। बाद में भी वह वंदना से गोल्ड लोन के नाम पर संपर्क कर रुपए देने का दबाव बनाते रहे। शंका होने पर परिवार से बात कर उन्होंने नेशनल साइबर क्राइम हेल्प लाईन पर शिकायत की। यहां से इंदौर क्राइम ब्रांच को जानकारी लगने पर उन्होंने वंदना को मिलने बुलाया।

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