मंदसौरमध्यप्रदेश

अनदेखी के कारण अटका युवराज क्लब का काम, प्रथम चरण ही पूर्ण भुगतान नहीं होने पर दूसरे चरण का काम नहीं हो पाया

अनदेखी के कारण अटका युवराज क्लब का काम, प्रथम चरण ही पूर्ण भुगतान नहीं होने पर दूसरे चरण का काम नहीं हो पाया

मंदसौर।नगर के मध्य स्थित युवराज क्लब को सर्वसुविधायुक्त बनाने की परिकल्पना तत्कालिन कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने देखी थी और इसका पूरा प्लान भी तैयार करवाया था। प्लान के हिसाब से मंदसौर के युवराज क्लब को इंदौर के यशवंत क्लब की तर्ज पर विकसित किया जाना था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 4 जनवरी 2016 को युवराज क्लब समिति द्वारा क्लब के पुर्ननिर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी कि गई थी। जिसके अंतर्गत युवराज क्लब का पुर्ननिर्माण दो चरणों में होना था।

प्रथम चरण में पुरानी 14 ही दुकानों को फिर से आधुनिक तरीके से निर्माण किया गया और उन्हें उपर 14 नयें हॉल बनायें गये। दूसरे चरण में दुकानों के पीछे रेस्टोरेंट, रिटायरिंग रूम, जिम, खिलाड़ियों के ठहरने के लिए 12 कमरे, जिम, कैरम, शतरंज, बैडमिंटन हॉल की मरम्मत सहित कई इंडोर गेम की सुविधाओं के कोर्ट बनना थे। इसके लिए युवराज क्लब समिति द्वारा जिसके अध्यक्ष पदेन कलेक्टर होते है के निर्देश पर टेंडर निकाले गये । टेंडर मंदसौर निवासी ठेकेदार मुकेश संघई के हुए। जिसके बाद ठेकेदार द्वारा वर्ष 2018 में ही युवराज क्लब के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया और दूसरे चरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया लेकिन भुगतान नहीं मिलने पर काम रोक दिया गया और अब तब काम रूका हुआ ही है। इसके लिए मॉनिटरिंग एजेन्सी लोक निर्माण विभाग को बनाया गया था।

आय से हो सकते है निर्माण कार्य– युवराज क्लब के पुनः निर्माण के समय पुराने सभी 14 दुकानदारों से समिति ने रिनोवेशन के नाम पर 10-10 लाख रूपयें लिये थे जिससे समिति को 1 करोड 40 लाख रूपये की आय हुई थी। पुर्ननिर्माण के तहत इन 14 दुकानों के ऊपर 14 हॉल बनायें गये है। जिनकी निलामी समिति द्वारा अभी नहीं की गई यदि समिति इनकी निलामी करती है आज के न्यूनतम रेट के हिसाब से भी समिति को अच्छी खासी आय यहां से हो सकती है। जिससे दूसरे चरण का कार्य पूर्ण किया जा सकता है। *ठेकेदार को नहीं मिली राशि बंद कर दिया काम*- ठेके दार मुकेश संघई को प्रथम चरण के निर्माण राशि में से लगभग 16 लाख रूपये की राशि आज दिनांक तक नहीं मिली, अंतिम भुगतान 2018 में हुआ था जिसके कारण ठेकेदार द्वारा आगे का काम बंद कर दिया गया और आज पांच साल बीत जाने के बाद भी कोई जिम्मेदार युवराज क्लब की सुध लेने को तैयार नहीं है।

 वर्तमान कलेक्टर से उम्मीद – युवराज क्लब को इंदौर के यशवंत क्लब की तर्ज पर विकसित किया जाना था। युवराज क्लब समिति स्वयं की आय से यह कार्य कर सकती थी ऐसी परिकल्पना तत्कालिन कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने सोची थी और अपनी सोच के अनुरूप कार्य भी करवायें लेकिन उनके जाने के बाद किसी कलेक्टर ने इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। एक बार तत्कालिन कलेक्टर धनराजू एस ने निरीक्षण किया था लेकिन उसके बाद कोई यहां नहीं गया। इसी बीच कोविड का दौर भी आया और युवराज क्लब की फाइल दब गई। अब नगर की जनता को वर्तमान और विकास वादी सोच रखने वाली कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग से उम्मीदें है।

भुगतान हो तो हम काम करने को तैयार है- ठेकेदार मुकेश संघई ने बताया कि युवराज क्लब का प्रथम चरण हमारे द्वारा पूर्ण कर दिया गया था जिसका भी हमें आज तक पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्ण भुगतान नहीं किया गया। हमारे द्वारा दूसरे चरण का काम भी प्रारंभ कर दिया गया था लेकिन राशि के अभाव में बंद करना पड़ा, समिति चाहे तो तो अतिरिक्त 14 हॉल बने है उन्हें निलाम कर राशि एकत्रित कर सकती है और हम तो काम करने को तैयार है, हमारा भुगतान तो करें।

जल्द काम शुरू होगा– युवराज क्लब के दूसरे चरण का कार्य जल्द शुरू किया जायेंगा। मैं पूरी फाइल दिखवाती हूं।-श्रीमती अदिती गर्ग, कलेक्टर मंदसौर

 

 

 

 

 

 

 

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