संगठन विस्तार होना दूर की बात मंडलम अध्यक्ष तक नहीं बना सकी पार्टी
टूट गई कांग्रेस के कायाकल्प की उम्मीद, सिरमौर विधानसभा क्षेत्र नेता और कार्यकर्ता विहीन से होनी लगी
लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव के करारी हार से कांग्रेस के कायाकल्प की उम्मीद टूट गई अब तो सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में नेता और कार्यकर्ता विहीन सी हो गई जिस विधानसभा में कांग्रेस गढ़ के साथ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता की फौज हुआ करती थी आज सिरमौर विधान सभा 68 में तो कुछ नेता तो पार्टी बदल कर बीजेपी में आ गए तो कुछ नेता गुमनाम से हो गए है जो बचे वह राजनीति से दूरी बना लिए है हाल में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव की करारी हार कार्यकर्ता में एक तरफ मायूसी लाई तो दूसरी तरफ आपसी कलह से पार्टी को नुकसान हुआ हाल में सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में संगठन विस्तार के साथ अभी तक पार्टी मंडलम अध्यक्ष तक चयन नहीं कर सकी यहां तक चुनाव के बाद से किसी प्रकार पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं की बैठक तक नहीं हो सकी है हाल में कई जयंती पर्व गुजर गए पर विधानसभा क्षेत्र में कुछ नहीं हुआ इसके अलावा संविधान दिवस पर सिरमौर नगर सहित बैकुंठपुर में किसी कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने पार्टी पार्टी लाइन में कार्यक्रम तक नहीं किए चुनाव में मिले जख्मों से पार्टी में जुड़ने की बजाय लोग कटती ही जा रहे हैं, रीवा लोकसभा और सिरमौर विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए कहीं ज्यादा बड़ा झटका हैं। कायाकल्प की उम्मीद थी, लेकिन उसे भारी निराशा हाथ लगी। कांग्रेस पहले से ही हाशिए पर है, ऐसे में चुनाव परिणाम उसकी राजनीतिक संभावनाओं को और कमजोर करेंगे।