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अस्पताल में ऑपरेशन के 28 दिन बाद महिला की मौत,परिजन गुस्साए अस्पताल के सामने लाश रखकर किया हंगामा

अस्पताल में ऑपरेशन के 28 दिन बाद महिला की मौत,परिजन गुस्साए अस्पताल के सामने लाश रखकर किया हंगामा

किशनगढ़ ताल

ठाकुर शंभू सिंह तंवर

 

आलोट नगर के निजी सेवालय अस्पताल में 9 अक्टूबर 24 को माऊखेड़ी निवासी प्रियंका पति गोकुल सूर्यवंसी उम्र 35 वर्ष का ऑपरेशन स्थानीय सेवालय हॉस्पिटल के डॉ शालेग्राम चौहान द्वारा किया था ऑपरेशन के बाद करीब 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखा था उसके बाद तबीयत बिगड़ने पर 22 अक्टूम्बर को बाहर रेफर कर दिया परिजनों मरीज को नागदा उसके बाद मेडिकल कॉलेज उज्जैन में ले गए वहां पर 7 नवंबर 24 को सुबह 6:00 बजे महिला की मौत हो गई परिजन उसकी लाश को आलोट सेवालय अस्पताल लेकर पहुंचे और कई ग्रामीण भी पहुंचे अस्पताल सील और डॉक्टर की गिरफ्तार की मांग करने लगे इस दौरान ग्रामीणों ने अस्पताल के अंदर घुस कर हंगामा किया और समान को उठाजर फेका सूचना मिलते ही मौके पर जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि कालूसिंह परिहार भी पहुंचे उन्होंने ग्रामीणों समझाया वही अधिकारियों से उचित कार्रवाई की बात करी एसडीओपी शाबेरा अंसारी , बीएमओ देवेंद्र मोर्य तहसीलदार सोनम भगत थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान दलबल के साथ अस्पताल पहुंचे लेकिन ग्रामीण डॉक्टर की गिरफ्तारी और अस्पताल की सील की मांग को लेकर अड़ गए लगभग 3 घंटे तक हंगामा चलता रहा अधिकारियों ने और जन्म प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को बहुत समझाया परंतु वह समझने को तैयार नहीं हुए इसके बाद जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह सोलंकी वहां पर पहुंचे और उन्होंने अधिकारियों से बात की और डॉक्टर के ऊपर 302 का मुकदमा कायम करने और अस्पताल को सील करने की मांग रख दी इसके बाद ग्रामीणों ने सोलंकी की बात का समर्थन करते हुए नारेबाजी की इसके बाद अधिकारियों ने प्रकरण पंजीबद्ध करने का आश्वासन दिया और अस्पताल को सील कर दिया गया शव का पीएम शासकीय अस्पताल में डॉक्टरों की टीम के द्वारा किया गया इसके बाद समस्त ग्रामीण आलोट थाने पर पहुंचे वहां पर उन्होंने लगभग 2 घंटे तक थाने में ही नीचे बैठकर नारेबाजी करते हुवे एफआईआर की मांग करने लगे इसके बाद एसडीओपी शावेरा अंसारी एवं थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान ने फरियादी राहुल पिता मांगीलाल की शिकायत पर डॉक्टर शालिग्राम चौहान एव डॉक्टर पूर्णिमा चौहान सेवालय नर्सिग होम संचालक के ऊपर धारा 304(ए) में प्रकरण पंजीबद्ध किया है। वही डॉक्टर एसएम चौहान और डॉक्टर पूर्णिमा चौहान को सुरक्षा की दृष्टि से थाने पर लाया गया है। डॉक्टर एसएम चौहान का कहना है कि मेरे अस्पताल में कोई ऑपरेशन नहीं किया गया है इनका ऑपरेशन रतलाम में हुआ था उसके बाद में यहां पर आए थे और हमने उनका इलाज किया उसके बाद हमने उन्हें रेफर कर दिया था । अस्पताल सील करने से पहले अस्पताल में भर्ती मरीजों को सिविल हॉस्पिटल आलोट भेजा गया बीएमओ देवेंद्र मोर्य द्वारा अस्पताल सील की कार्रवाई की मृतक का पैनल द्वारा पीएम करवा कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।

पुलिस ने जानकारी देते हुवे बताया कि फरियादी मृतिका की शिकायत पर दो आरोपियों के खिलाफ प्रकरण बनाया है। फरियादी प्रियंका के देवर राहुल पिता मांगीलाल सूर्यवंशी ने बताया कि भाभी प्रियकां बाई का दिनाक 09.09.2024 को पेट में दर्द की शिकायत के बाद सेवालय नर्सिंग होम ले गये थे। जहां पर डॉक्टर चौहान ने बताया कि इसे अपेडीक्स की समस्या है तथा तत्काल आपरेशन करना पड़ेगा आपरेशन के पूर्व डाक्टर के द्वारा कोई आवश्यक जांचे भी नहीं करवायी गयी थी परंतु हमने डॉक्टर पर भरोसा कर उनके अस्पताल में भर्ती करा दिया था। जहां पर लगभग 20 दिन मूतिका प्रियंका बाई को भर्ती रखा था। जिसके बाद प्रियंका बाई की तबीयत और ज्यादा बिगडने पर डॉक्टर ने कहा कि इसे बाहर ईलाज के लिये ले जाओ और ईलाज का जो भी खर्च होगा यह मै दूंगा। डॉक्टर ने हमे बताया कि इसका आपरेशन बिगड़ गया है इसलिये बड़े अस्पताल में उसका आगे का ईलाज करना पड़ेगा। फिर हम प्रियंका बाई को लेकर नागदा जनसेवा अस्पताल गये जहां एक रात उसका ईलाज चला और अगले ही दिन डाक्टर ने हमे बताया कि इसका गलत तरीके से आपरेशन किया गया है। तथा इसे और बड़ी जगह ले जाने की आवशयकता है फिर हम प्रियंकाबाई को लेकर कृष्णा अस्पताल उज्जैन पहुंचे जहां यह लगभग 08 दिन भर्ती रही। जहां 04 लाख 80 हजार रुपये हमारे अस्पताल में खर्च हुए । उसके बाद हम दो दिन पूर्व उसे आरडी गार्डी अस्पताल उज्जैन लेकर गये जहां दिनाक 07.11.2024 को सुबह करीबन 06 बजे डाक्टर ने प्रियंका बाई को मृत घोषित कर दिया तथा उज्जैन के डाक्टर ने भी हमे बताया कि आवश्यकता नहीं होने पर भी आलोट के सेवालय अस्पताल के डाक्टर ने मृतिका की नस काट दी थी। जिस कारण ही उसकी लगातार तबीयत बिगडती गयी और उसकी मृत्यु हो गयी।

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