कृषि दर्शनमंदसौरमध्यप्रदेश

127 सिंचाई परियोजनाओं से 1 लाख 57 हजार हैक्‍टेयर में होगी सिंचाई

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सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं से प्रत्येक खेत तक पानी पहुंचे

जल उपयोगिता समिति की बैठक संपन्न

मंदसौर 5 नवंबर 24/ जल उपयोगिता समिति की बैठक कलेक्टर सभागार में आयोजित की गई। जिले की 127 सिंचाई परियोजनाओं से 1 लाख 57 हजार 668 हैक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। बैठक के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार, मंदसौर विधायक श्री विपिन जैन, सुवासरा विधायक श्री हरदीप सिंह डंग, गरोठ विधायक श्री चंदर सिंह सिसोदिया, कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग, सीईओ जिला पंचायत श्री राजेश कुमार जैन, जल संसाधन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, सीएमओ मौजूद थे।

बैठक में निर्देश दिए कि, सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं से प्रत्येक खेत तक पानी पहुंचे। साथ ही कमियों को तुरंत दूर करें। कमियों को दूर करने के लिए व्यवस्थित प्लान बनाया जाए। बेहतर कार्य नहीं करने वाले ठेकेदारों पर पेनल्टी लगाए। गुणवत्ता से किसी प्रकार समझौता न करें। गौशालाओं को भी पानी मिले इसका भी ध्यान रखें। ऐसे तालाब जिनका पानी से कटाव हो रहा है, उनको चिन्हित कर मरम्मत करवाए। विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही एवं गतिविधियों से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराए। सभी नगर परिषद समय-समय पर वसूली कार्यवाही पूर्ण करें।

शामगढ़-सुवासरा सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से आगामी रबी सिंचाई में 85117 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित किया गया। गरोठ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से 21 हजार 400 है. क्षेत्र में पिछले 04 वर्षों से सफलता पूर्व सिंचाई की जा रही हैं। भानपुरा नहर परियोजना से 13 हजार 354 है. क्षेत्र में पिछले 06 वर्षों से सफलता पूर्व सिंचाई की जा रही है। शामगढ़-सुवासरा सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से आगामी रबी सिंचाई मे 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा हेतु पम्प हाउस का परीक्षण 15 नवंबर तक किया जाएगा। परीक्षण के बाद 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

जल संसाधन विभाग, मंदसौर द्वारा गत वर्ष 148192 है. क्षेत्र में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरुद्ध 148192 की सिंचाई की गई। विभाग द्वारा निर्मित सिंचाई हेतु नहर से पानी की क्षति को रोकने के लिये नहर लाईनिंग, नए स्ट्रक्चर, मिट्टी का सुधार कार्य, मरम्मत, आदि कार्य लगातार किए जा रहे हैं। मंदसौर संभाग अंतर्गत लामगरा, खोड़ाना, ढिकोला, भरड़ावद निमज्जित तालाब के गेट सिंचाई के लिए नवंबर माह में खोले जाएंगे।

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