अपराधमंदसौरमध्यप्रदेश

दादा गिरी से जबरन ब्राह्मण परिवार की छह बीघा जमीन पर कब्ज़ा करके बैठा है -मनमोहन शर्मा

चार माह की रोटी के बदले पाटीदार को चाहिए ब्राह्मण की जमीन पर वारिसाना हक़

मन्दसौर-चार माह की रोटी के बदले पाटीदार को चाहिए ब्राह्मण की जमीन पर वारिसाना हक़ , तहसीलदार वंदना हरित पटवारी भानूपुरी गोस्वामी ने आँखे बंद कर या कुछ ले दें कर ब्राह्मण की पैतृक जमीन कर दी पाटीदार के नाम,मन्दसौर के बही पार्षवनाथ के लक्ष्मीनारायण पिता राधेश्याम पाटीदार ने वसीहत पर मृतक बद्रीलाल शर्मा के इंगलिश मे हस्ताक्षर करके वसीहत बना ली जबकी मृतक भूमी स्वामी ने जिंदगी मे कभी इंग्लिश का “”ई”” भी नहीं पढ़ा,

अब दादा गिरी से जबरन ब्रह्मण परिवार की छह बीघा जमीन पर कब्ज़ा करके बैठा है, ये आरोप है मनमोहन शर्मा निवासी मन्दसौर का जो बताते है की उक्त समय के उप सरपंच बही ग्राम के नरेश पाटीदार ने फर्जी वसीहत कोरे कागज पर उनके बड़े पिताजी बद्रीलाल जी शर्मा के नाम से इंग्लिश मे हस्ताक्षर करके लक्ष्मीनारायण पाटीदार के नाम कर ली और उसी फर्जी सादे कागज को तहसीलदार वंदना हरित और पटवारी भानूपुरी गोस्वामी ने मिलकर नामंत्रण लक्ष्मीनारायण पाटीदार के नाम कर दिया, तहसीलदार को वसीहत के मामलो मे वारिसान के बयान और सहमती असहमती उपरांत सुनवाई का अधिकार है परन्तु, समाज परिवार या वंश का मामला हो तो एक बार अनदेखा भी किया जा सकता है,परन्तु जाती भेद यानी ब्राह्मण परिवार की पैतृक जमीन को लक्ष्मी नारायण पाटीदार के नाम कैसे किया जा सकता है ये विचारणीय और जांच का विषय है?, फर्जी इंग्लिश के हस्ताक्षर कर किसी की जमीन हड़पने के आरोपी के बारे मे मनमोहन शर्मा बताते है की आजतक वो उनके और उनके परिवार्जनों के साथ कई बार मारपीट कर चूका है,, अब मनमोहन शर्मा पटवारी तहसीलदार सहित सभी दोषियों पर एफ. आई. आर. करवाना चाह रहे है…

मामला मन्दसौर जिले के बही पार्शनाथ ग्राम का है जहाँ भूमी सर्वे क्रमांक 790 का है जिसके मालिक बद्रीलाल शर्मा हमेशा हिन्दी मे हस्ताक्षर किया करते थे उनके इंग्लिश मे हस्ताक्षर करके फर्जी वसीहत बनाली गयीं, जिसकी नोटरी की तारीख मे भी गलतियां है, मनमोहन शर्मा के अनुसार उनकी और बड़े पिताजी बद्रीलाल जी शर्मा की जमीन को लक्ष्मीनारायण पाटीदार बटाई पर खेती कार्य किया करता था 2019 मे जब बाढ़ आयी तो बद्रीलाल जी शर्मा बुजुर्ग हालत मे ग्राम बही मे रहने चले गए थे बुजुर्ग होने के कारण और उनकी जमीन बटाई पर लक्ष्मीनारायण पाटीदार के पास होने पर पाटीदार उन्हें भोजन भी करवा दिया करते थे, इसी की आड़ मे बुजुर्ग बद्रीलाल जी शर्मा की पूरी भूमी की वसीहत करवा ली, जिसपर पटवारी भानूपुरी गोस्वामी की भूमिका ये रही की वो इस पूरी भूमी पर कब्ज़ा लक्ष्मीनारायण पाटीदार का बताता रहा जबकी मौके पर परिवार जनो की भूमी और कब्ज़ा भी हमेशा रहा है, मामले मे गवाह फर्जी बनाये गए, नोटिस परिवार जनों को मिलने ही नहीं दिए गए और फर्जी तरीके से वसीहत के नामांतरण की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर एफ. आई. आर. की मांग मनमोहन शर्मा द्वारा की जा रही है,,,,

✍️राजपाल सिंह परिहार

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