आरोग्य भारती प्रांतीय अभ्यास वर्ग महामंडलेश्वर शास्त्रीजी, संघ प्रचारक दिवाकर, मुख्य वक्ता भोलानाथ जी एवं सांसद श्री गुप्ता, विधायक श्री परिहार के मुख्य अतिथि में संपन्न
मल्हारगढ़ । रविवार को लाल माटी के क्षेत्र नीमच के श्री जैन दिवाकर छात्रावास में अखिल भारतीय संगठन आरोग्य भारती का प्रांतीय अभ्यास वर्ग आयोजित किया गया जिसमें मालवा प्रांत के सभी जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । वर्षा के सतत आशिर्वाद स्वरूप लाल माटी की धरा को सराबोर करते हुए मानो इन्द्र देव ने स्वयं आरोग्य के इस प्रयास को आशीष प्रदान किया ।
मंचासीन अतिथियों द्वारा औंकार ध्वनि पश्चात् दीप प्रज्वलन कर के भगवान धन्वंतरि पूजन किया गया । धन्वंतरि स्तवन का स्वरबद्ध वाचन डाक्टर आशीष जोशी द्वारा किया गया ।
इस अभ्यास वर्ग के उद्घाटन कार्यक्रम में सांसद श्री सुधीर गुप्ता , नीमच के विधायक श्री दिलीप सिंह परिहार एवं नीमच के गणमान्य नागरिकों की प्रभावी उपस्थिति रही । श्री जैन दिवाकर छात्रावास के संचालक, क्षेत्र के वरिष्ठ डाक्टर लाल बहादुर चौधरी, डाक्टर श्रिमति आशा चौधरी, वरिष्ठ दंत रोग विशेषज्ञ डाक्टर समीर मोदी , डाक्टर अंजू जोशी , सेवा भारती की श्रीमति दिया मित्तल , आई एम ए के सचिव डाक्टर मनीष चमडिया , प्रख्यात कवि एवं विचारक श्री प्रमोद रामावत एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे श्री भोलानाथ जी , जो आरोग्य भारती की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के सदस्य हैं । वे विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम के अखिल भारतीय प्रमुख भी हैं एवं मध्य क्षेत्र के संयोजक का दायित्व निर्वहन भी कर रहे हैं । जबलपुर से पधारे श्री भोलानाथ जी ने आरोग्य भारती के अखिल भारतीय स्वरूप की जानकारी देते हुए बताया कि २, नवंबर २००२ में केरल के कोच्चि में इस संस्था का गठन किया जिसका मूल उद्देश्य था – मेरा स्वास्थ्य मेरा उत्तरदायित्व है । मैं स्वस्थ रहूंगा , मेरा अनुसरण करके मेरा परिवार स्वस्थ रहे , मेरा समाज एवं मेरा राष्ट्र स्वस्थ हो । इस विचार की धारणा कर के आरोग्य भारती द्वारा नियमित योगाभ्यास, धन्वन्तरि पूजन , विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम, किशोरी विकास , गर्भ संस्कार, आध्यात्मिक स्वास्थ्य , सुपोषण , पर्यावरण संरक्षण, वन औषधि प्रचार प्रसार, घरेलू उपचार , प्राथमिक उपचार जैसे लगभग २५ आयाम निर्धारित किए गए हैं । इन आयामों के तहत निर्धारित कार्यक्रम, कार्यशाला, प्रशिक्षण शिविर एवं कार्यकर्ता सम्मेलन नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं ।
मालवा प्रांत में इन आयामों की जानकारी, प्रांताध्यक्ष डॉक्टर श्रीमान विष्णु सेन जी कछावा द्वारा प्रदान की गई । नियमित आयाम एवं भविष्य के लक्ष्यों की योजना के लिए अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान किया गया । सत्र को मालवा प्रांत के सह-कार्यवाह श्री रघुवीर सिंह जी का आशीष प्राप्त हुआ । अपने प्रभावी उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक आदरणीय श्री रघुवीर सिंह जी ने संघ के पंचभूत दायित्वों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि , सामाजिक समरसता , पर्यावरण संरक्षण जिसमें पेड़-प्लास्टिक-पानी पर चिंतन , स्वदेशी सामग्री के उपयोग, कुटुम्ब प्रबोधन द्वारा परिवारों के समन्वयन हेतु कार्यक्रम एवं अत्यंत महत्वपूर्ण आयाम, नागरिक अनुशासन के महत्व पर प्रकाश डाला ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के आगमन पर कोई वृहद् के आयोजन के बजाय इन पाँच बिंदुओं पर ध्यान करने एवं अपना संपूर्ण समर्पण करने के आव्हान करते हुए सह-कार्यवाह श्री रघुवीर सिंह जी ने आरोग्य भारती के प्रांतीय अभ्यास वर्ग की सराहना की ।
प्रांतीय अभ्यास वर्ग में पधारे स्वयंसेवकों हेतु शैक्षणिक सत्र में प्रांतीय अभ्यास वर्ग के इस महत्वपूर्ण आयोजन के दौरान एक नवीन आयाम -“आरोग्य का आध्यात्मिक आधार” के सर्वप्रथम प्रांतीय चिंतन सत्र के मुख्य वक़्ता के रूप में प्रबोधन देते हुए , डॉक्टर राजेश शर्मा ने अपने धाराप्रवाह , सारगर्भित एवं तथ्यात्मक संबोधन में आध्यात्म जैसे जटिल विषय का आरोग्य जैसे महत्वपूर्ण आयाम के मध्य संबंध का सरलीकरण प्रस्तुत किया । डाक्टर राजेश शर्मा, भोपाल में अस्थिरोग विशेषज्ञ हैं एवं नर्मदा हास्पिटल के तीन शाखाओं के संचालक हैं । वे आरोग्य-प्रशिक्षक हो कर अपना उत्तरदायित्व समझते हुए , आध्यात्मिक पद्धतियों को आधुनिक वैज्ञानिक आधार पर विश्लेषण करने हेतु प्रयासरत हैं । कदाचित् ऐसा करने वाले वे समूचे भारतवर्ष में गिने-चुने चिकित्सकों के समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं ।
कार्यक्रम के दौरान आरोग्य भारती जिला नीमच की कार्यकारिणी की महिला इकाई द्वारा संयोजित प्रदर्शनी का वैदिक उद्घाटन,माननीय भोलानाथ जी , सम्मानीय रघुवीर सिंह जी , डॉक्टर राजेश जी , प्रांतीय अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा वनस्पति सम्मान स्वरूप दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया । धन्वंतरि स्तवन का स्वरबद्ध वाचन डॉक्टर आशीष जोशी द्वारा किया गया ।
प्रदर्शनी की वैज्ञानिक स्वरूप की जानकारी आरोग्य भारती , धन्वंतरि पौधा बैंक , आई.एन.ओ. एवं अन्य वनस्पति संवंर्धन में कार्यरत स्वयंसेवी संगठनों की महिला सदस्यों द्वारा प्रदान की गई । श्रीमति पुष्पलता सक्सेना , श्रीमती ज्योति मेहता के नेतृत्व में सहयोगियों द्वारा प्रदर्शनी के महत्व , संवर्धन , पालन एवं प्रभाव का विवरण प्रदान किया गया ।
अभ्यास सत्र के दौरान समस्त विभागों , जिलों एवं स्थानों पर विगत में आयोजित, आरोग्य भारती के आयामों पर आधारित गतिविधियों का वृत्त प्रस्तुत किया गया । पीपीटी द्वारा नीमच जिले की गतिविधियों की प्रभावी प्रस्तुति प्रोफ़ेसर श्री आशीष जी सोनी द्वारा प्रदान की गई । मंदसौर , इंदौर, सहित आठ जिलों के वृत्त प्रस्तुत किए गए ।
सत्र का संचालन मालवा प्रांत कार्यकारिणी सदस्य डाक्टर आशीष जोशी द्वारा किया एवं इस योजनात्मक एवं संगठनात्मक सत्र के दौरान आगामी वर्ष के लक्ष्य निर्धारण हेतु , विभाग-शः , संकल्प प्रपत्र भी संयोजित किए गए ।
समापन सत्र का संचालन आरोग्य भारती मालवा प्रांत के सचिव झाबुआ के प्रसिद्ध दंत-रोग विशेषज्ञ डॉक्टर वैभव जी सुराणा द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए श्री ओम प्रकाश जी चौधरी द्वारा आगे बताया गया कि , सत्र को विशेष आशिर्वाद प्रदान करने पधारे श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर , विश्व के एकमात्र धन्वंतरि पीठ के पीठाधीश्वर , पूजनीय श्री सुरेशानंद जी शास्त्री ने अपने आशिर्वचनों की वर्षा करते हुए कहा कि आरोग्य के प्रति हर कार्यक्रम, हर गतिविधि अवं हर प्रयास , किसी भी प्रकल्प से श्रेष्ठ पुण्य का कारण है । हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने का प्रशिक्षण करना ही देशप्रेम एवं सेवा का सर्वश्रेष्ठ प्रयास है । यह एक महत्वपूर्ण एवं अत्यंत ही वृहद कार्यक्रम है एवं इसके प्रति हर प्रयास का पालन जो आरोग्य भारती द्वारा किया जा रहा है वो आयुर्वेद, भारतीय चिकित्सा पद्धति का सेवाकार्य ही है । आध्यात्मिक जागरण का जो संकल्प आरोग्य भारती द्वारा एक नवीन आयाम स्वरूप लिया गया है , उसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए पूजनीय गुरूजी ने कहा कि आध्यात्म हर व्यक्ति के जीवन का मूल है ।
सत्र की अध्यक्षता की मालवा प्रांत के अध्यक्ष डाक्टर विष्णु सेन जी कछावा । मुख्य वक्ता एवं संयोजक रहे श्री भोलानाथ जी ने सभी प्रतिभागियों को पाथेय प्रदान किया ।
शांती मंत्र का स्वरबद्ध वाचन डॉक्टर आशीष जोशी द्वारा किया गया । श्रीमती पुष्पलता सक्सेना द्वारा अभ्यास वर्ग में पधारे समस्त स्वयंसेवकों एवं अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया ।
मालवा प्रांत के २० स्थानों के प्रतिनिधियों ने १७ जिलों का प्रतिनिधित्व किया । कल उपस्थिति रही भगिनी ३५ , पुरुष १०० कुल १३५ ।